धारा 456 आईपीसी - IPC 456 in Hindi - सजा और जमानत - रात में छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन के लिए दण्ड।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 456 का विवरण
  2. धारा 456 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 456 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 456 के अनुसार जो कोई रात में छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

लागू अपराध
रात में छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन।
सजा - तीन वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है।

यह समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : गुप्त घर अतिचार या रात तक घर तोड़ने


Punishment : 3 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 456 को बीएनएस धारा 331 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 456 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 456 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 456 अपराध : गुप्त घर अतिचार या रात तक घर तोड़ने



आई. पी. सी. की धारा 456 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 456 के मामले में 3 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 456 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 456 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 456 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 456 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 456 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 456 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 456 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।