धारा 455 आईपीसी - IPC 455 in Hindi - सजा और जमानत - उपहति, हमले या सदोष अवरोध की तैयारी के पश्चात् प्रच्छन्न गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 455 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 455 के अनुसार जो कोई किसी व्यक्ति को उपहति कारित करने की या किसी व्यक्ति पर हमला करने की या किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध करने की अथवा किसी व्यक्ति को उपहति के, या हमले के, या सदोष अवरोध के भय में डालने की तैयारी करके, प्रच्छन्न गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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चोट, मारपीट आदि पैदा करने की तैयारी के बाद गुप्त घर-अतिचार या घर तोड़ना | 10 साल + जुर्माना | संज्ञेय | गैर जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
Offence : चोट, मारपीट आदि पैदा करने की तैयारी के बाद गुप्त घर-अतिचार या घर तोड़ना
Punishment : 10 साल + जुर्माना
Cognizance : संज्ञेय
Bail : गैर जमानतीय
Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
IPC धारा 455 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 455 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 455 अपराध : चोट, मारपीट आदि पैदा करने की तैयारी के बाद गुप्त घर-अतिचार या घर तोड़ना
आई. पी. सी. की धारा 455 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 455 के मामले में 10 साल + जुर्माना का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 455 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 455 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 455 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 455 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 455 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 455 गैर जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 455 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 455 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।