IPC 447 क्या है? आपराधिक अतिचार की धारा के लिए दंड और जमानत का प्रावधान
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
विषयसूची
- IPC Section 447 in Hindi - आईपीसी धारा 447 क्या है
- धारा 447 में सजा और जमानत ? Punishment in IPC 447
- धारा 447 के अपराध को साबित करने के मुख्य तत्व
- आईपीसी सेक्शन 447 के अपराध का उदाहरण
- आपराधिक अतिचार (IPC 447) और हाउस-अतिचार (IPC 442) के बीच अंतर
- धारा 447 में जमानत - IPC 447 bailable or not?
- IPC Section 447 के अपराध जैसी कुछ अन्य धाराएं
- IPC Section 447 से बचाव में ध्यान रखने योग्य बातें
- धारा 447 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
दोस्तों आज के लेख द्वारा हम जानेंगे भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आने वाली IPC की धारा के बारे में की आईपीसी धारा 447 क्या है (IPC Section 447 in Hindi), ये धारा कब लगती है? इस अपराध के मामले में सजा और जमानत कैसे मिलती है। यदि आप इस धारा के बारे में सरल व स्पष्ट रुप से जानकारी जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।
सोचिए, दोस्तों क्या हो अगर आपके घर में कोई व्यक्ति किसी अपराध (Crime) को अंजाम देने की मंशा (Desire) से जबरदस्ती घुस जाएं या कोई व्यक्ति आपके ही घर आकर आपका अपमान करने की कोशिश करें। यदि आपके साथ कभी कोई व्यक्ति ऐसा अपराध करता है या करने की कोशिश करता है तो आपको किस प्रकार उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही (Legal Action) करनी चाहिए। हम आज के लेख द्वारा इस बात पर चर्चा करेंगे।
IPC Section 447 in Hindi - आईपीसी धारा 447 क्या है
आईपीसी की धारा 447 के अपराध को धारा 441 में परिभाषित किया गया है। धारा 441 में आपराधिक अतिचार (Criminal trespass) का वर्णन देखने को मिलता है। यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति में बिना किसी अधिकार के या बिना उस संपत्ति के मालिक की अनुमति के घुसता है या किसी व्यक्ति के घर आकर उसको डराने-धमकाने व अपमान करने की कोशिश करता है तो वह आपराधिक अतिचार कहलाता है। यदि कोई व्यक्ति ऐसा अपराध करता है तो उस व्यक्ति पर Section 447 के तहत मुकदमा दर्ज (Court case) कर कार्यवाही की जाती है।
धारा 447 के अपराध को साबित करने के मुख्य तत्व
IPC Section 447 के Crime को साबित करने के लिए किन मुख्य बातों का होना जरुरी है, यानि ये धारा कब लगती है, नीचे जानते है अहम पॉइंट।
- बिना किसी अधिकार के संपत्ति में प्रवेश करना: आरोपी (Accused) व्यक्ति किसी ऐसी संपत्ति में घुसता है जिस पर उसका कोई अधिकार (Right) नहीं है या उसके पास उस घर या संपत्ति में घुसने का कोई कानूनी अधिकार (Legal Rights) नहीं है।
- अचल संपत्ति: Criminal Trespass का यह अपराध केवल अचल संपत्तियों (Immovable property) पर ही लागू होता है। अचल संपत्ति यानी ऐसी संपत्ति जो एक जगह से दूसरी जगह ना ले जा सके, जैसे भूमि, भवन, घर, आदि
- जानबूझकर घुसने का इरादा: यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी की संपत्ति में घुसने की कोशिश करें तब क्योंकि आरोपी ने बिना किसी कानूनी अधिकार के या बिना किसी आवश्यक कार्य के प्रवेश किया है।
- बिना मालिक की अनुमति के: यदि कोई व्यक्ति किसी की संपत्ति में बिना उसके मालिक की अनुमति (Permission) के अवैध रुप में घुसने या वहाँ रुकने की कोशिश करें तब।
आईपीसी सेक्शन 447 के अपराध का उदाहरण
एक बार प्रदीप ने अपने घर पर एक छोटी सी पार्टी रखी थी, जिसमें उसके बहुत सारे मेहमान आये हुए थे। उस पार्टी के दौरान सभी लोग गानों पर डांस कर रहे थे। प्रदीप के घर के पास रहने वाला व्यक्ति इस बात से गुस्सा हो जाता है और प्रदीप के घर आकर प्रदीप के घर में तोड़-फोड़ कर देता है व प्रदीप का सभी मेहमानों के सामने अपमान कर देता है। प्रदीप इस बात से बहुत गुस्सा होता है और उस व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक अतिचार की धारा 447 (Section 447 of criminal trespass) के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज (Complaint Register) करवा देता है।
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आपराधिक अतिचार (IPC 447) और हाउस-अतिचार (IPC 442) के बीच अंतर
आपराधिक अतिचार (Criminal Trespass) को घर-अतिचार( House Trespass) दोनो भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तहत एक अलग अपराध है, लेकिन बहुत बार लोग इस प्रकार के मामलों को समझ नहीं पाते। इसलिए इन दोनों अपराधों के बीच के अंतर को समझने के लिए ध्यान से पढ़े।
हाउस-अतिचार या घर अतिचार को आईपीसी की धारा 442 के तहत परिभाषित किया गया है। इसमें कोई व्यक्ति तब आरोपी बन जाता है जब वो किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने (To Heart Someone) या घर में रहने वाले लोगों को डराने के लिए किसी के घर, इमारत, टेंट या इंसान के रहने वाली किसी भी जगह में अवैध (Illegal) रुप से प्रवेश करता।
वही दूसरी और आपराधिक अतिचार किसी भी अचल संपत्ति पर बिना किसी अधिकार के व उस संपत्ति के मालिक की अनुमति के बिना अवैध रुप से जाता है तो वह Criminal Trespass कहा जाता है।
धारा 447 में सजा और जमानत – Punishment in IPC 447
भारतीय दंड संहिता की धारा 447 में दंड़ के प्रावधान अनुसार यदि कोई व्यक्ति आपराधिक अतिचार का दोषी पाया जाता है तो उस व्यक्ति को न्यायालय द्वारा साधारण कारावास की सजा से दंडित किया जा सकता है, जिसको 3 महीने तक बढ़ाया जा सकता है। इस अपराध के दोषी व्यक्ति को 500 रुपये के आर्थिक दंड से भी दंडित किया जा सकता है।
धारा 447 में जमानत - IPC 447 bailable or not?
IPC की धारा 447 के अंतर्गत आने वाला आपराधिक अतिचार का यह अपराध एक संज्ञेय (Cognizable crime) श्रेणी का अपराध माना जाता है। इस अपराध में जमानत (Bail) का प्रावधान दिया गया है, जिसके अनुसार आपराधिक अतिचार के आरोपी को जमानत बहुत ही सरलता से मिल जाती है।
इस केस में जमानत लेने के लिए किसी अनुभवी वकील की सहायता लेनी पड़ती है जो आपकी बातों को न्यायालय (Court) के सामने रखेगा व आपके केस की पैरवी करेगा। यह अपराध समझौते (Compromise) के लायक होता है। यदि आप दूसरे पक्ष (जिसने आपकी शिकायत की है) से माफी मांग लेते है और वो माफ कर देता है तो आपसी समझौते से इस केस से बहुत ही आसानी से बिना किसी सजा के बचा जा सकता है।
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IPC Section 447 के अपराध जैसी कुछ अन्य धाराएं
- आईपीसी की धारा 452 - यह Section चोट पहुंचाने, हमला करने या गलत तरीके से रोकने की तैयारी के बाद गृह-अतिचार (Home-Trespass After Preparation of Wrongful Restraint) के अपराध से सबंधित है। इस धारा के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के घर पर किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाने, हमला करने या गलत तरीके से रोकने के इरादे से अवैध रूप से प्रवेश करता है, तो उन पर इस अपराध का आरोप लगाया जा सकता है।
- आईपीसी की धारा 457 - यह Section रात के समय गृह-भेदन (House breaking at Night) के अपराध से संबंधित है। इसमें बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति चोरी (Theft) जैसे अपराध को करने के इरादे से रात के समय किसी घर या किसी अन्य जगह में घुसता है या घुसने की कोशिश करता है तो उस पर Section 457 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
IPC Section 447 से बचाव में ध्यान रखने योग्य बातें
अकसर नासमझी के कारण हम कुछ इस प्रकार का कार्य कर देते है, जिसकी गंभीरता का हमें बाद में पता चलता है। Criminal Trespass एक ऐसे ही अपराध की श्रेणी में आता है। कभी-कभी गुस्से के कारण हम किसी व्यक्ति को उसके घर में बिना उसकी अनुमति के घुसकर अपमानित कर देते है या उसके किसी सामान को नुकसान पहुँचा देते है। जिसके कारण बाद में Legal Actions का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए ऐसे मामलों से बचाव के लिए कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरुरी है।
- कभी-भी किसी ऐसे व्यक्ति के घर में बिना बुलाए बिल्कुल भी ना जाएं, जिसके साथ आपका पहले से किसी बात को लेकर झगड़ा हो रखा हो।
- अकसर ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति आपसे उधार ले लेता है और समय पर वो पैसे नहीं लौटाता। इस प्रकार के मामलों में हम गुस्से में उसके घर जाकर उसे धमका देते है। जिसका वो व्यक्ति फायदा उठाकर आपके खिलाफ IPC Section 447 के तहत शिकायत दर्ज करवा देता है।
- किसी भी व्यक्ति की पार्टी या किसी अन्य कार्यक्रम में जाकर उस व्यक्ति को अपमानित करने की कोशिश कभी ना करें।
- कई बार कुछ लड़के ऐसी गलती कर देते है जिसमें वो किसी लड़की के घर में घुसकर उस लड़की से जबरदस्ती बात करने की कोशिश करते है। ऐसे में उस लड़की के परिवार वाले आप पर के तहत शिकायत दर्ज करवा सकते है।
- हमेशा यह ध्यान रखे की किसी भी व्यक्ति की निजी संपत्ति (Private property) में घुसकर उसकी किसी भी वस्तु को नुकसान ना पहुँचाए।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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आपराधिक अतिचार | 3 महीने या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : आपराधिक अतिचार
Punishment : 3 महीने या जुर्माना या दोनों
Cognizance : संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
आईपीसी की धारा 447 क्या है?
धारा 447 के तहत आपराधिक अतिचार क्या है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 447 के अनुसार एक व्यक्ति जब किसी संपत्ति, भूमि, भवन, में बिना उसके मालिक की अनुमति (Permission) के घुसता है तो इसे आपराधिक अतिचार कहा जाता है।
IPC 447 के तहत आपराधिक अतिचार के लिए क्या सजा है?
IPC Section 447 के तहत आपराधिक अतिचार की सजा तीन महीने तक की कैद या 500 रुपये तक का जुर्माना या दोनों है।
क्या संपत्ति का मालिक अपने घर में घुसने वाले व्यक्त के खिलाफ बल या हमले का प्रयोग कर सकता है?
आईपीसी की धारा 96 के तहत, एक व्यक्ति को अपनी संपत्ति से अतिचार करने वाले को हटाने के लिए उचित बल का उपयोग करने की अनुमति होती है। लेकिन इस प्रकार के मामले में बल का इस्तेमाल का उद्देश्य सामने वाले व्यक्ति को गंभीर नुकसान पहुँचाना या मौत (Death) का कारण बनने का नहीं होना चाहिए।
क्या किसी व्यक्ति पर IPC 447 लग सकती है, यदि उसका नुकसान करने का कोई इरादा नहीं है?
हाँ, Criminal Trespass का केस लगने के लिए नुकसान पहुँचाने के इरादे की आवश्यकता नहीं है। किसी अन्य की संपत्ति में उनकी सहमति के बिना केवल प्रवेश करना या उस पर कुछ समय के लिए रुके रहना भी अपराध है।