धारा 430 आईपीसी - IPC 430 in Hindi - सजा और जमानत - सिंचन संकर्म को क्षति करने या जल को दोषपूर्वक मोड़ने द्वारा रिष्टि
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 430 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 430 के अनुसार जो कोई किसी ऐसे कार्य के करने द्वारा रिष्टि करेगा, जिससे कॄषिक प्रयोजनो के लिए, या मानव प्राणियों के या उन जीवजन्तुओं के, जो सम्पत्ति है, खाने या पीने के, या सफाई के या किसी विनिर्माण को चलाने के जलप्रदाय में कमी कारित होती हो या कमी कारित होना वह सम्भाव्य जानता हो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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कृषि प्रयोजनों आदि के लिए पानी की आपूर्ति में कमी के कारण शरारत | 5 साल या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
Offence : कृषि प्रयोजनों आदि के लिए पानी की आपूर्ति में कमी के कारण शरारत
Punishment : 5 साल या जुर्माना या दोनों
Cognizance : संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
IPC धारा 430 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 430 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 430 अपराध : कृषि प्रयोजनों आदि के लिए पानी की आपूर्ति में कमी के कारण शरारत
आई. पी. सी. की धारा 430 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 430 के मामले में 5 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 430 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 430 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 430 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 430 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 430 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 430 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 430 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 430 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।