धारा 418 आईपीसी - IPC 418 in Hindi - सजा और जमानत - इस ज्ञान के साथ छल करना कि उस व्यक्ति को सदोष हानि हो सकती है जिसका हित संरक्षित रखने के लिए अपराधी आबद्ध है

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 418 का विवरण
  2. धारा 418 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 418 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 418 के अनुसार जो कोई इस ज्ञान के साथ छल करेगा कि यह सम्भाव्य है कि वह तद्द्वारा उस व्यक्ति को सदोष हानि पहुंचाए, जिसका हित उस संव्यवहार में जिससे वह छल संबंधित है, संरक्षित रखने के लिए वह या तो विधि द्वारा, या वैध संविदा द्वारा, आबद्ध था, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।

Offence : एक व्यक्ति जिसका ब्याज अपराधी बाध्य किया गया था धोखा, या तो कानून द्वारा या कानूनी अनुबंध से, की रक्षा के लिए


Punishment : 3 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 418 को बीएनएस धारा 318 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 418 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 418 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 418 अपराध : एक व्यक्ति जिसका ब्याज अपराधी बाध्य किया गया था धोखा, या तो कानून द्वारा या कानूनी अनुबंध से, की रक्षा के लिए



आई. पी. सी. की धारा 418 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 418 के मामले में 3 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 418 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 418 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 418 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 418 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 418 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 418 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 418 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।