धारा 389 आईपीसी - IPC 389 in Hindi - सजा और जमानत - जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को अपराध का आरोप लगाने के भय में डालना।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 389 का विवरण
  2. धारा 389 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 389 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 389 के अनुसार जो भी कोई जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को, स्वयं उसके विरुद्ध या किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध यह ऐसे अपराध (जिसकी सज़ा मॄत्यु दण्ड या आजीवन कारावास, या दस वर्ष तक कारावास है) का आरोप लगाने का भय दिखलाएगा या भय दिखलाने का प्रयत्न करेगा कि उसने ऐसा अपराध किया है, या करने का प्रयत्न किया है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा; तथा यदि वह अपराध ऐसा हो जो इस संहिता की धारा 377 के अधीन दण्डनीय है, तो उसे आजीवन कारावास से दण्डित किया जाएगा ।

लागू अपराध
किसी व्यक्ति को अपराध (जिसकी सज़ा मॄत्यु दण्ड या आजीवन कारावास, या दस वर्ष तक कारावास है) का आरोप लगाने का भय दिखलाना।
सजा - दस वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यदि अपराध अप्राकृतिक संभोग (धारा 377 के अधीन दण्डनीय) है।
सजा - आजीवन कारावास।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : किसी व्यक्ति को मौत की सजा के अपराध के आरोप के डर से लाना, आजीवन कारावास या जबरन वसूली करने के लिए 10 साल तक कारावास


Punishment : 10 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट



Offence : यदि अपराध एक अप्राकृतिक अपराध हो


Punishment :


Cognizance :


Bail :


Triable :



आईपीसी धारा 389 को बीएनएस धारा 308 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 389 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 389 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 389 अपराध : किसी व्यक्ति को मौत की सजा के अपराध के आरोप के डर से लाना, आजीवन कारावास या जबरन वसूली करने के लिए 10 साल तक कारावास



आई. पी. सी. की धारा 389 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 389 के मामले में 10 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 389 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 389 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 389 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 389 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 389 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 389 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 389 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 389 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।