धारा 367 आईपीसी - IPC 367 in Hindi - सजा और जमानत - व्यक्ति को घोर उपहति, दासत्व, आदि का विषय बनाने के उद्देश्य से व्यपहरण या अपहरण।
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 367 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 367 के अनुसार जो कोई किसी व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण इसलिए करेगा कि उसे घोर क्षति या दासत्व का या किसी व्यक्ति को प्रकॄति विरुद्ध काम वासना का विषय बनाया जाए या बनाए जाने के खतरे में डालने हेतु उसे व्ययनित किया जाए या सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि ऐसे व्यक्ति को उपर्युक्त बातों का विषय बनाया जाएगा या उपर्युक्त रूप से व्ययनित किया जाएगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।लागू अपराध
व्यक्ति को घोर उपहति, दासत्व, आदि का विषय बनाने के उद्देश्य से व्यपहरण या अपहरण।
सजा - दस वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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किसी व्यक्ति को गंभीर चोट, गुलामी आदि के अधीन करने के लिए अपहरण या अपहरण | 10 साल + जुर्माना | संज्ञेय | गैर जमानतीय | सत्र न्यायालय |
Offence : किसी व्यक्ति को गंभीर चोट, गुलामी आदि के अधीन करने के लिए अपहरण या अपहरण
Punishment : 10 साल + जुर्माना
Cognizance : संज्ञेय
Bail : गैर जमानतीय
Triable : सत्र न्यायालय
IPC धारा 367 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 367 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 367 अपराध : किसी व्यक्ति को गंभीर चोट, गुलामी आदि के अधीन करने के लिए अपहरण या अपहरण
आई. पी. सी. की धारा 367 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 367 के मामले में 10 साल + जुर्माना का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 367 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 367 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 367 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 367 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 367 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 367 गैर जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 367 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 367 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।