IPC 354A in Hindi - महिला छेड़छाड़ की धारा 354a में जमानत और सजा

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है हमारे नए आर्टिकल में जिसमें आज हम बात करेंगे आई. पी. सी. की धारा 354 A के बारे में। कई बार देखा जाता है कि महिलाओं को घर से निकलने के बाद कुछ गलत लोगों द्वारा बुरी नजर से देखा जाता है उनके साथ छेड़छाड़ की जाती है। जो लोगों की एक बहुत ही छोटी मानसिकता को दर्शाता है। इसलिए आज हम महिलाओं के यौन उत्पीड़न से बचने के लिए बनाई गई कानून की धारा के बारे में बात करेंगे जो है धारा 354 क (ए) . आईपीसी की धारा 354ए (IPC Section 354A in Hindi) कब और किस अपराध के लिए लगती है। इस आईपीसी सेक्शन में सजा और जमानत (Bail) का क्या प्रावधान है, ऐसी सभी अहम जानकारी विस्तार से जानेंगे।

हमारे देश के संविधान में भारतीय दंड संहिता (Indian penal Code) के अनुसार महिलाओं व पुरुषों के लिये समान रुप से कानून बनाए गये है। जिनमें किसी भी प्रकार का अपराध होने पर दोनों को समान रुप (Equally) से न्याय (Justice) प्राप्त करने का अधिकार है। लेकिन बहुत बार ऐसा देखा जाता है कि हमारे देश में महिलाओं को समान अधिकार (Equally Rights) प्राप्त होने के बाद भी बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज हम भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आने वाली एक ऐसी ही धारा 354 A के बारे में विस्तार से बात करेंगे, इस आईपीसी सेक्शन की संपूर्ण जानकारी पाने के लिये इस लेख को पूरा पढ़े।


धारा 354 क क्या है कब लगती है - IPC 354A in Hindi

धारा 354 A जिसमें महिलाओं के साथ हो रहे यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) को रोकने व महिलाओं को न्याय दिलाने का अधिकार है तो आईये आपको आसान शब्दों में बताने का प्रयास करते है IPC Section 354 A के बारे में।

अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को गलत तरीके से छूने का प्रयास करता है या किसी महिला को बुरी नजर से देखता है, या उसके साथ जबरन (Forcefully) शारीरिक सम्बन्ध बनाने की बात करता है या फिर किसी महिला की शरीर की और ताका झांकी (Stare) करता है। एक महिला की इच्छा के विरुद्ध अश्लील साहित्य दिखाने का प्रयास करता है तो ऐसे व्यक्ति पर 354 A IPC के तहत यौन उत्पीड़न (sexual Harassment) यानी छेड़छाड़ का केस दर्ज करके कार्यवाही करने का प्रावधान है।


आईपीसी धारा 354A के तहत यौन उत्पीड़न क्या है?

धारा 354A भारतीय दण्ड संहिता की एक धारा है जो यौन उत्पीड़न के लिए दंड प्रविष्ट करती है। यह धारा किसी महिला को अनुचित रूप से छूना, थप्पड़ मारना, उनके स्तन, या अन्य अंगों को अनुचित ढंग से छूना, गले या कमर में हाथ डालना या उन्हें किसी भी तरह से शर्मिंदा करना शामिल होता है।

यह धारा महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए बनाई गई है और अगर कोई व्यक्ति इस धारा के तहत दोषी पाया जाता है, तो उसे सजा हो सकती है।

इसके अलावा यदि कोई कोई व्यक्ति किसी महिला का बलात्कार करने का अपराध करता है तो उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दंडित किया जाता है।


धारा 354 ए में सजा - 354 A IPC Punishment in Hindi

इस धारा में दोषी व्यक्ति को सजा दो प्रकार से मिलती है अगर कोई व्यक्ति किसी महिला पर अश्लील टिप्पणी करता है ओर महिला उसकी शिकायत (Complaint) पुलिस में कर देती है तो ऐसे व्यक्ति को दोषी पाये जाने पर 1 वर्ष जेल व जुर्माना (Fine) की सज़ा दी जाती है

लेकिन अगर कोई व्यक्ति किसी महिला के शरीर के किसी भी अंग (Body part) को गलत तरीके से छूता है या उस महिला के साथ बिना उस महिला की मर्जी के शारीरिक संबंध बनाने की बात करता है तो ऐसे व्यक्ति को दोषी (Guilty) पाये जाने पर न्यायालय (Court) द्वारा 3 वर्ष की कठोर कारावास (Rigorous imprisonment) की सजा व जुर्माना लगाया जाता है या फिर कठोर कारावास व जुर्माना दोनों भी लगाए जा सकते है।


धारा 354A में जमानत - IPC 354A Bailable or Not

Section 354A के तहत आने वाला यह अपराध संज्ञेय (Cognizable) श्रेणी का अपराध है जिसमें गिरफ्तारी के लिये पुलिस को किसी भी तरह के वारंट की आवश्यकता नहीं होती। ऐसे मामलों में पुलिस तुरन्त आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है। यह एक जमानतीय (Bailable) अपराध है। जोकि किसी भी मजीस्ट्रैट द्वारा विचारणीय होता है। यह अपराध किसी भी प्रकार से समझौते के योग्य (compoundable offence) नहीं होता।

जाने - स्त्री की लज्जा भंग करने की धारा 509 कब लगती है?


महिला छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कैसे करें - How to file a complaint under IPC 354A?

यदि आप IPC की धारा 354A के तहत किसी व्यक्ति की Police Complaint Register दर्ज करवाना चाहते हैं, तो आप इन चरणों का पालन कर सकते हैं:-

  • पुलिस स्टेशन जाएं:- आप नजदीकी पुलिस स्टेशन जा सकते हैं और लिखित या मौखिक रूप से शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए आपको यह सलाह दी जाती है कि घटना के सभी आवश्यक विवरण, जैसे कि घटना की तिथि, समय और स्थान, आरोपी का नाम और पता, और किए गए अपराध की प्रकृति (Nature of crime) प्रदान करें।
  • प्राथमिकी दर्ज करें:- एक बार जब आप शिकायत दर्ज करते हैं, तो पुलिस प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) FIR दर्ज करेगी और जांच शुरू करेगी।
  • चिकित्सा परीक्षण:- चोट या नुकसान की सीमा का पता लगाने के लिए पुलिस आपसे एक चिकित्सा परीक्षण (Medical Examination) कराने का अनुरोध कर सकती है।
  • जांच:- पुलिस मामले की जांच करेगी और आरोपी के अपराध को साबित करने के लिए साक्ष्य (Evidence) एकत्र करेगी।
  • गिरफ्तारी:- यदि पुलिस को पर्याप्त सबूत मिलते हैं, तो वे आरोपी (Accused) को गिरफ्तार कर सकती हैं और उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर सकती हैं।
  • परीक्षण:- मामला सुनवाई के लिए जाएगा, और कोर्ट दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को सुनेगी और अपना फैसला सुनाएगी।

यह ध्यान रखना आवश्यक है कि आईपीसी की धारा 354क के तहत झूठी शिकायत (False Complaint) दर्ज करना एक दंडनीय अपराध (Punishable offence) है। इसलिए पुलिस को केवल सटीक जानकारी प्रदान करना और जांच के दौरान उनका सहयोग करना महत्वपूर्ण है।


आईपीसी धारा 354 और 354A में क्या अंतर है?

आईपीसी की धारा 354 और धारा 354A दोनों यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) के अपराध से निपटती हैं, लेकिन उनके बीच कुछ अंतर हैं।

आईपीसी की धारा 354 किसी "महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला करना या किसी प्रकार के आपराधिक बल का प्रयोग" के अपराध के बारे में बताती है। इस धारा में कहा गया है कि जो कोई भी किसी महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर कोई साजिश करता है या आपराधिक बल का इस्तेमाल करता है, उसे दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

दूसरी ओर IPC की धारा 354A "यौन उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के लिए सजा" के अपराध से संबंधित है। यह यौन उत्पीड़न को किसी भी अवांछित यौन व्यवहार (unwanted sexual behavior) के रूप में परिभाषित करता है, जिसमें शारीरिक संपर्क और आगे बढ़ना, यौन एहसान के लिए मांग या अनुरोध (demands or requests for sexual favors), महिला की इच्छा के विरुद्ध अश्लील साहित्य दिखाना शामिल है। इस धारा के तहत यौन उत्पीड़न की सजा एक अवधि के लिए कारावास है जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना, या दोनों के साथ।


18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से यौन उत्पीड़न होने पर पॉक्सो एक्ट

पॉक्सो अधिनियम 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति के रूप में एक बच्चे को परिभाषित करता है और बच्चों के खिलाफ विभिन्न प्रकार के यौन अपराधों को कवर करता है, जिसमें पेनिट्रेटिव और नॉन-पेनिट्रेटिव यौन हमला, यौन उत्पीड़न और बच्चों से जुड़ी अश्लीलता शामिल है।

अधिनियम में बच्चों के खिलाफ यौन अपराध करने के दोषी पाए जाने वालों के लिए कारावास और जुर्माने सहित कड़ी सजा का प्रावधान है।


महिलाओं के लिये छेड-छाड से बचने के लिये कुछ ज़रुरी बाते

  1. अपने घर से निकलते समय अपना मोबाइल फोन ज़रुर लेकर निकले।
  2. अपने आस-पास के माहौल को अच्छे से जाने व हमेशा सर्तक रहे।
  3. देर रात के समय किसी सुनसान (Deserted) जगह पर जाने से बचे।
  4. अगर कोई आपका पीछा करता है या परेशान करता है तो अपने माता-पिता को जरुर बताये।
  5. हमेशा अपने मोबाइल में इमरजेंसी स्पीड डायल न0 को सेव करके रखे।
  6. अगर कभी आपके साथ कोई भी व्यकित छेड-छाड करता है तो तुरन्त 100 न0 ड़ायल कर पुलिस की मदद ले। या तुरन्त महिला हेल्पलाईन पर फोन करें।

ऐसे ही कुछ बातों का ध्यान रख कर महिलाएं अपने साथ हो रहे Sexual harassment जैसे अपराधों से आसानी से बच सकती है। अगर फिर भी आपके साथ कुछ गलत होता है तो सरकार द्वारा महिलाओं के लिए हेल्पलाइन के नम्बरो पर भी आप शिकायत दर्ज कर सकते है।

  • All INDIA women in Distress - 181
  • National commission for women - 011-26942369/26944754
  • National Human Right Commission-011-23385368/9810298900

धारा 354a से कैसे बचा जा सकता है

  • किसी भी महिला पर किसी भी तरह की टिप्पणी ना करें।
  • सोशल मीडिया पर महिलाओं को कोई भी अशलील मैसेज ना भेजे।
  • भीड़- भाड़ वाली जगह में जैसे बस, रेल आदि में महिलाओं से उचित दूरी बना कर रखे।
  • लड़कियों को इशारा करना या सीटी बजाना जैसा अभद्र कार्य ना करें।

उपर बताई बातों का ध्यान रख कर ऐसे अपराधों से बचा जा सकता है। अगर किसी भी महिला के साथ गलत हो रहा हो तो उसकी मदद जरुर करें। अकसर ऐसा देखा जाता है कि हमारे समाज में महिलाएं बदनामी के डर से अपने साथ हो रहे यौन उत्पीड़न (Sexual harassment) जैसे अपराधों के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाती लेकिन बाद में यही सब चीजें किसी बड़े हादसे का कारण बन जाती है। इसलिये हम सभी को साथ मिलकर यौन उत्पीड़न और छेड़- छाड़ जैसे अपराधों को रोकने के लिये सहभागिता दिखानी चाहिये।

Offence : अनिष्ट शारीरिक संपर्क और अग्रिम की प्रकृति का यौन उत्पीड़न या यौन पक्ष या पोर्नोग्राफी दिखाने के लिए मांग या अनुरोध


Punishment : 3 साल या जुर्माना या दोनों तक


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



Offence : यौन रंग की टिप्पणी करने की प्रकृति का यौन उत्पीड़न


Punishment : 1 साल तक या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


आईपीसी 354ए क्या है?

IPC 354A भारतीय दंड संहिता की एक धारा है जो महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और हमले से संबंधित है। यह यौन प्रकृति के किसी भी शारीरिक संपर्क, यौन रूप से अप्रिय टिप्पणियों, या किसी महिला की गरिमा का उल्लंघन करने वाले इशारों को एक आपराधिक अपराध बनाता है।


IPC 354A के लिए क्या सजा है?

IPC 354A की सजा अपराध की गंभीरता के आधार पर भिन्न होती है। इस अपराध के लिए अधिकतम सजा जुर्माने के साथ तीन साल की कैद है।