IPC Section 352 in Hindi - धारा 352 क्या है इसमें सजा, जमानत और बचाव
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
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नमस्कार दोस्तों आज के लेख में हम जानेंगे भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आने वाली IPC की धारा 352 के बारे में कि धारा 352 क्या है, ये धारा कब लगती है? IPC Section 352 के मामले में सजा और जमानत कैसे मिलती है। आज के आर्टिकल द्वारा हम कानून की इस धारा से संबंधित सारी आवश्यक जानकारी आपको देंगे। अगर आप इस आईपीसी सेक्शन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी बहुत ही सरल भाषा में जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।
कुछ आपराधिक मामले ऐसे होते है जिनकी हमें बहुत कम जानकारी होती है। इस तरह के अपराधों से बचाव तभी किया जा सकता है। जब हमें उसकी सही जानकारी हो। इसलिए आज के लेख द्वारा हम आपको आईपीसी सेक्शन 352 से जुड़ी सभी जानकारी संक्षेप में देंगे। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़े।
आईपीसी धारा 352 क्या है – IPC Section 352 in Hindi
आई पी सी की धारा 352 के अधिनियम अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति पर बिना किसी योजना के अचानक से हमला कर देता है या अन्य किसी आपराधिक बल (किसी व्यक्ति की सहमति के बिना बल दिखाकर परेशान करना) का उपयोग करता है। इस तरह के अपराध को करने के कारण उस व्यक्ति पर IPC 352 के तहत मुकदमा दर्ज (Court case) कर कार्यवाही की जाती है।
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आईपीसी सेक्शन 352 के अपराध का उदाहरण
एक दिन पवन बाजार से सामान लेने गया हुआ था। उसी समय एक व्यक्ति पवन के पास आकर उसके साथ धक्का मुक्की करने लगता है। यह सब देखकर पवन उसको ऐसा करने की वजह पूछता है लेकिन वो व्यक्ति अचानक पवन पर हमला कर देता है। जिस कारण पवन कैसे भी करके वहाँ से अपना बचाव करके निकल जाता है और तुरन्त उस व्यक्ति की शिकायत पुलिस में कर देता है। उसके बाद पुलिस उस व्यक्ति के खिलाफ Section 352 के तहत FIR दर्ज कर कार्यवाही करती है।
धारा 352 में सजा – IPC 352 Punishment in Hindi
भारतीय दंड संहिता की धारा 352 के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति पर अचानक हमला करने या किसी भी तरह का आपराधिक बल प्रयोग करने का दोषी पाया जाता है। ऐसा करने वाले व्यक्ति को न्यायालय द्वारा 3 महीने की कारावास व जुर्माने से दंड़ित किया जा सकता है। जिसमें अपराध की गंभीरता को देखते हुए कारावास की सजा को 3 वर्ष तक भी बढ़ाया जा सकता है।
IPC Section 352 में जमानत का प्रावधान
IPC की धारा 352 का यह अपराध एक गैर-संज्ञेय श्रेणी का अपराध (Non Cognizable offence) होता है। जिसमें पुलिस आरोपी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकती। साथ ही ज्यादा गंभीर न होने के कारण यह एक जमानतीय अपराध (Bailable offence) होता है। यदि पुलिस किसी व्यक्ति को इस धारा के तहत गिरफ्तार करती है तो आरोपी को तुरन्त जमानत मिल जाती है। इसलिए इस अपराध में आरोपी को जमानत (bail) के लिए परेशान नहीं होना पड़ता।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस केस में आपको वकील की जरुरत नहीं पड़ेगी। जमानत दिलाने से लेकर आपके केस की आगे की पैरवी करने तक आपको एक लॉयर की मदद लेनी पड़ेगी। धारा 352 का यह अपराध समझौते के लायक होता है। जिसमें आरोपी पीड़ित पक्ष से बात करके समझौता करके इस केस से निकल सकता है।
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आईपीसी धारा 352 से बचाव के लिए सावधानियां
किसी भी अपराध को करने का परिणाम हमेशा किसी ना किसी परेशानी का कारण ही बनता है। इसलिए कोई भी अपराध करने से पहले अपने व अपने परिवार के बारे में जरुर सोचे। यदि आप इस तरह के अपराध से अपना बचाव करना चाहते है तो कुछ आवश्यक बातों का ध्यान जरुर रखे।
- कोई भी व्यक्ति अपने वाहन से कही जा रहा हो तो अचानक उसको रोकने की कोशिश बिल्कुल भी ना करें।
- किसी व्यक्ति के साथ अचानक किसी भी तरह की धक्का मुक्की ना करें।
- यदि कोई व्यक्ति आप पर बिना किसी वजह के हमला करता है तो तुरन्त उसकी शिकायत पुलिस में करके भविष्य में होने वाली किसी अप्रिय घटना से अपना बचाव करें।
- अगर कोई पुलिस वाला अपनी डयूटी के दौरान अचानक आपके वाहन को रोकने की कोशिश करता है तो उस पर यह धारा लागू नहीं होती। इस बात का जरुर ध्यान रखे।
- यदि आप किसी व्यक्ति को बिना उसकी मर्जी के रोकते है या उसके साथ किसी तरह का बल दिखाकर डराने का प्रयास करते है तो वो व्यक्ति आपके खिलाफ धारा 352 के तहत FIR दर्ज करवा सकता है। इसलिए ऐसा कोई भी कार्य करने से बचे।
- आपको फंसाने के लिए कोई व्यक्ति इस धारा का प्रयोग करता है तो तुरन्त किसी वकील की सहायता लेकर खुद को निर्दोष साबित कर अपना बचाव करें।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
गंभीर उकसावे की तुलना में अन्यथा आपराधिक बल का हमला या उपयोग | 3 महीने या जुर्माना या दोनों | गैर - संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : गंभीर उकसावे की तुलना में अन्यथा आपराधिक बल का हमला या उपयोग
Punishment : 3 महीने या जुर्माना या दोनों
Cognizance : गैर - संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 352 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 352 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 352 अपराध : गंभीर उकसावे की तुलना में अन्यथा आपराधिक बल का हमला या उपयोग
आई. पी. सी. की धारा 352 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 352 के मामले में 3 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 352 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 352 गैर - संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 352 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 352 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 352 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 352 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 352 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 352 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।