धारा 337 आईपीसी - IPC 337 in Hindi - सजा और जमानत - किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, चोट पहुँचाना कारित करना
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 337 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 337 के अनुसार जो भी कोई किसी व्यक्ति को उतावलेपन या उपेक्षा पूर्वक ऐसे किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, चोट पहुँचाना कारित करता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड जो पाँच सौ रुपए तक हो सकता है, या दोनों से दंडित किया जाएगा।लागू अपराध
किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, चोट पहुँचाना कारित करना
सजा - छह महीने कारावास या पाँच सौ रुपए आर्थिक दंड या दोनों
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध न्यायालय की अनुमति से पीड़ित व्यक्ति (जिसको चोट पहुँची है) के द्वारा समझौता करने योग्य है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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जिससे किसी ऐसा कृत्य से आहत होना जो मानव जीवन आदि को खतरे में डालता है | 6 महीने या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : जिससे किसी ऐसा कृत्य से आहत होना जो मानव जीवन आदि को खतरे में डालता है
Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों
Cognizance : संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 337 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 337 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 337 अपराध : जिससे किसी ऐसा कृत्य से आहत होना जो मानव जीवन आदि को खतरे में डालता है
आई. पी. सी. की धारा 337 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 337 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 337 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 337 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 337 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 337 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 337 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 337 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 337 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 337 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।