धारा 295 क्या है (IPC Section 295 in Hindi) - सजा और जमानत का प्रावधान

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

हमारे देश में आजकल लोगों को धर्म के नाम पर लडवाना व उनकी आस्था का अपमान करना बहुत ही आम बात हो गई है। कुछ लोग एक दूसरे के धर्म का अपमान करने में बहुत गर्व महसूस करते है। लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती की ऐसा करना एक गैर-कानूनी अपराध माना जाता है। हमारे आज के आर्टिकल द्वारा ऐसे ही अपराध की धारा के बारे में जानने का प्रयास करेंगे की भारतीय दंड संहिता की धारा 295 क्या है - What is IPC Section 295 in Hindi. धारा 295 कब और किस क्राइम में लगती है? इस धारा के अपराध के मामले में सजा और जमानत कैसे मिलती है।

भारतीय संविधान के द्वारा सभी धर्मों के लोगों को सामान रुप से अपनी आस्था के तहत कार्य करने का अधिकार प्राप्त है। जिसके बारे में सभी लोगों को जानकारी होना बहुत जरुरी है। इसलिए आज के लेख द्वारा इसी विषय से संबधित आईपीसी सेक्शन 295 से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी सरल भाषा में देंगे, इसलिए पूरी जानकारी पाने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़े।



धारा 295 का मतलब क्या है - IPC Section 295 in Hindi

आईपीसी की धारा 295 के अधिनियम के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी भी धर्म के लोगों के पूजा करने के स्थान को या उस धर्म के लोगों की किसी पवित्र वस्तु को तोड़ने व अपवित्र करने की कोशिश करता है (Injuring or defiling place of worship with intent to insult the religion of any class) यह सोच रखते हुए कि उसके ऐसा करने से उस धर्म का अपमान किया जा सकता है। तो ऐसा करने वाले व्यक्ति पर IPC Section 295 के तहत मुकदमा दर्ज (Court case) कर कार्यवाही की जाती है।


IPC Section 295 के अपराध का उदाहरण

एक बार दो अलग-अलग धर्म के व्यक्ति होते है। एक दिन कोई राजनीतिक पार्टी का नेता आकर पहले व्यक्ति को दूसरे धर्म के व्यक्ति के खिलाफ भड़का देता है। जिसके कारण पहले वाला व्यक्ति दूसरे धर्म के व्यक्ति के पूजा करने के स्थान पर जाकर तोड़फोड़ कर देता है। यह सब देखकर उस व्यक्ति को तोड़फोड़ करने वाले व्यक्ति पर बहुत गुस्सा आता है और वो उसकी शिकायत पुलिस में कर देता है। किसी भी धार्मिक स्थल को तोड़ने व उनकी आस्था का अपमान करने के अपराध में पुलिस धारा 295 के तहत FIR दर्ज कर दोषी व्यक्ति को गिरफ्तार (Arrested the guilty person by registering an FIR under 295) कर लेती है।



धारा 295 में सजा (Punishment) कितनी होती है

आईपीसी की धारा 295 में दंड के प्रावधान अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी भी धर्म के लोगों की पूजा स्थल या किसी पवित्र वस्तु (sacred object) को तोड़ने का अपराध करता है तो न्यायालय (Court) के द्वारा दोषी पाये जाने पर उस व्यक्ति को 2 वर्ष तक की सजा व जुर्माने से दंडित किया जाता है।

इसलिए जाने अंजाने में भी कोई ऐसा अपराध ना करें, जिससे किसी भी धर्म का अपमान (insult to religion) हो। ऐसा करने से ना सिर्फ किसी की आस्था को ठेस पहुँचती है बल्कि ऐसा अपराध करने से आपको भी जेल की कठोर सजा भुगतनी पड़ सकती है।

धारा 295 में जमानत का प्रावधान – IPC 295 is Bailable or Not?

IPC Section 295 के तहत जो कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म के लोगों की आस्था का अपमान करने (insulting the faith of people) की नियत से उनके पुजा स्थल का अपमान करता है तो ऐसा करना एक संज्ञेय श्रेणी (Cognizable offence) का अपराध माना जाता है। ऐसा करने वाले व्यक्ति को पुलिस तुरन्त बिना किसी वारंट के गिरफ्तार (Arrested without warrant) कर सकती है।

यह एक गैर-जमानतीय अपराध ( Non bailable offence) होता है जिसमें आरोपी को जमानत के लिए बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे मामलों में आरोपी व्यक्ति को एक वकील (lawyer) की जरुरत पड़ती है। जो आपको जमानत दिलाने में आपकी सहायता कर सकता है।


आईपीसी सेक्शन 295 में बचाव के लिए सावधानियां

हमारे भारत देश में बहुत से धर्मों के लोग आपस में मिल जुलकर रहते है। लेकिन कुछ मामले ऐसे हो जाते है जिनमें बहुत बार किसी ना किसी राजनीतिक पार्टी के द्वारा अपने फायदे के लिए लोगों के मन में धर्म के नाम पर गलत विचार पैदा करके एक दूसरे से लडवाया जाता है। जिससे वो एक दूसरे के धर्म का अपमान करते है। उनके पूजा स्थलों को तोड़ देते है। ऐसा करना एक गंभीर अपराध है जिसके तहत आपको सजा व जुर्माने से दंडित किया जाता है। धारा 295 से बचाव से संबधित कुछ सावधानियों के बारे में नीचे जानते है।

  • यदि कोई भी व्यक्ति आपको किसी भी धर्म के लोगों के बारे में कोई भी गलत बात कहकर उकसाने की कोशिश करता है तो ऐसे लोगों से दूर रहकर अपना बचाव करें।
  • किसी व्यक्ति की आस्था या उसके धर्म के बारे में कुछ भी ऐसा नहीं बोलना चाहिए। जिससे उस व्यक्ति को अपमान हो या उसकी आस्था को ठेस पहुँचे।
  • किसी भी धर्म के पूजा स्थानों पर जाकर कोई भी ऐसा कार्य ना करें, जिससे उस स्थान कि पवित्रता भंग हो जाए।
  • सभी धर्मों के लोगों का सम्मान करें। किसी भी धर्म को छोटा बड़ा कहकर उनका अपमान करने की कोशिश ना करें। सभी धर्मों के लोगों के लिए पुजा का सामान महत्व होता है।

लेकिन कुछ मामलों में देखने को मिलता है कि धारा 295 का इस्तेमाल किसी निर्दोष व्यक्ति को झूठे केस में फँसाने के लिए भी किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति ने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है और फिर भी कोई जबरदस्ती उसे फँसाने के लिए यह साजिश करता है। तो ऐसे व्यक्ति द्वारा न्यायालय में खुद को निर्दोष साबित करने वाले सबूतों को पेश कर केस को खारिज करने के लिए आवेदन किया जा सकता है।

Offence : किसी भी वर्ग के व्यक्तियों के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा या पवित्र वस्तु के स्थान को नष्ट करना, हानिकारक या डीलिंग करना


Punishment : 2 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 295 को बीएनएस धारा 298 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 295 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 295 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 295 अपराध : किसी भी वर्ग के व्यक्तियों के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा या पवित्र वस्तु के स्थान को नष्ट करना, हानिकारक या डीलिंग करना



आई. पी. सी. की धारा 295 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 295 के मामले में 2 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 295 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 295 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 295 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 295 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 295 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 295 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 295 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 295 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।