भारत का संविधान क्या है - संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकार और विशेषताएँ
दोस्तों अपने मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) के बारे में तो हम सभी जानते हैं। लेकिन हमें ये अधिकार कौन देता है? भारतीय संविधान क्या है (what is Indian constitution in Hindi)? भारत का संविधान कब लागू हुआ? संविधान की प्रस्तावना / परिभाषा क्या है? भारतीय संविधान का निर्माण कब व कैसे हुआ? आज के लेख द्वारा हम भारतीय संविधान से संबधित इन्हीं सब सवालों के जवाबों को बहुत ही सरल भाषा में विस्तार से जानेंगे। इसके साथ में हम आपको Samvidhan PDF का लिंक भी इस आर्टिकल में देंगे, जिसे आप डाउनलोड करके भारत के संविधान को अच्छी तरह समझ सकते है।
विषयसूची
- संविधान किसे कहते है- Meaning of Constitution in Hindi
- भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार और कर्तव्य
- भारत का संविधान की प्रस्तावना - Constitution of India
- भारत में संविधान (Indian Constitution) का महत्व
- भारत का संविधान बनाने का उद्देश्य
- भारत का संविधान कब और कैसे बना - History of Bhartiya Samvidhan
- भारत में संविधान दिवस कब मनाया जाता है
- मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)
- मौलिक कर्तव्य (Fundamental duties)
- भारतीय संविधान में कितनी अनुसूचियां हैं
- भारत का सविधान पीडीएफ - Indian Constitution in Hindi PDF
संविधान किसे कहते है- Meaning of Constitution in Hindi
संविधान नियमों (constitution rules) और दिशानिर्देशों (Guidelines) से बना एक समुह होता है। जो एक राष्ट्र के प्रशासन (administration of the nation) की देखरेख करता है। संविधान किसी भी देश के लोकतांत्रिक (Democratic) और धर्मनिरपेक्ष (secular) ढांचे की नींव होता है।
किसी भी देश का संविधान एक ऐसी विधि होती है। जो किसी भी देश के शासन का आधार होता है। संविधान एक ऐसा कानून (constitution law) होता है जिसमें राजनीतिक व्यवस्था की रुपरेखा, उनके कर्तव्य, अधिकार और सरकार के कार्यों की संरचना शामिल होती है। संविधान के अंदर किसी देश को कैसे चलाना है इस बारेें मे बताया जाता है।
सविधान राष्ट्र की परम विधि है जिसका उदेश्य होता है कि देश के हित के लिए बनाए गए सभी कानूनों को संविधान के अनुरुप ही होना चाहिए। यदि कोई संविधान द्वारा बनाए गए कानूनों व अन्य विधियों का उल्लंघन करता है तो उसे असंवैधानिक घोषित कर दिया जाता है।
भारत का संविधान की प्रस्तावना - Constitution of India
संविधान के उद्देश्यों के बारे में बताने के लिए लिए प्राय: उनसे पहले एक उद्देशिका (प्रस्तावना) बनाई गई है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना आस्ट्रेलिया के संविधान से प्रभावित होकर ली गई है। जोकि इस प्रकार है:-
हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी , पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता, प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में, व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित कराने वाली, बन्धुता बढ़ाने के लिए, दृढ़ संकल्पित होकर अपनी संविधानसभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ई॰ (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
हमारा देश बहुत सारी संस्कृतियों, धर्मों, जातियों के लोगों से मिलकर बना हुआ है। इसलिए जिन लोगों द्वारा संविधान का निर्माण किया गया है उन्हें छोटी से छोटी चीजों के विवरण को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। संविधान में बहुत बार संशोधन भी किया गया है और नए नियम और कानून को जोड़ा गया है। इसी वजह से भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा संविधान बन गया।
भारत देश का संविधान दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान के रुप में जाना जाता है। भारत के संविधान में कुल 395 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियाँ हैं जिन्हे 22 भागों में विभाजित किया गया है। परन्तु जब इसका निर्माण किया गया था तब मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे जिसमें केवल 8 अनुसूचियाँ थीं।
देखे - भारतीय संविधान के सभी अनुच्छेद
भारत में संविधान (Indian Constitution) का महत्व
हमारा भारत देश लोकतांत्रिक देश (democratic country) है, जिसका मतलब है कि एक ऐसा देश जहाँ पर किसी तानाशाह (Dictator) या राजा (king) का शासन नहीं है। हमारे देश में प्रत्येक पांच वर्ष में देश के नागरिकों के द्वारा देश को चलाने वाले नेताओं का चुनाव किया जाता है और ऐसा करने के लिए हमारे देश के संविधान के द्वारा लोगों को अपने नेता को चुनने का हक दिया गया है।
भारत के संविधान में भारतीय नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को भी बताया गया है (Rights and duties of indian citizens mentioned in constitution of India). हमारे भारत देश में किसी भी व्यक्ति व देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति तक को भी ऐसा कोई कार्य करने की अनुमति नहीं है जो संविधान का उल्लंघन करता हो। हमारे देश में हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। सन् 1950 में इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। संविधान का मसौदा (Draft of constitution) तैयार करने के लिए मुख्य भूमिका के रुप में डा0 भीमराव अमबेड़कर को जाना जाता है। लेकिन संविधान में 299 अन्य लोगों की कड़ी मेहनत का भी बहुत योगदान रहा है।
भारत का संविधान बनाने का उद्देश्य
- समाज के लोगों मे विश्वास बनाए रखना।
- देश के नागरिकों को अपने नेता के चुनाव के फैसले लेने का अधिकार देना।
- चुनी गई सरकार के द्वारा केवल नागरिकों के हित मे फैसला लेने के लिए निर्देशित करना।
- देश के सभी लोगों को सामान अधिकार देना ताकि किसी भी के साथ भी भेदभाव ना हो।
भारत का संविधान कब और कैसे बना - History of Bhartiya Samvidhan
अकसर लोगों द्वारा यह भी पुछा जाता है कि संविधान सभा क्या है? भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा के द्वारा किया गया था, जिसका गठन 1946 में हुआ था। संविधान सभा का अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को बनाया गया था। सविधान डिजाइन करने के लिए एक मसौदा समिति (Draft committee) का निर्माण किया गया था, जिसमें डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को अध्यक्ष बनाया गया था। भारतीय संविधान पूरी तरह से तैयार करने में 2 वर्ष 11 महीने व 18 दिन का समय लगा था। जिसे 26 नवम्बर 1949 को राष्ट्रपति जी को सौंपा गया था।
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। जिसके निर्माण के समय इसमें 22 भाग, आठ अनुसूचियों व 395 अुनच्छेद थे। संविधान लागू होने से लेकर अभी तक भारतीय संविधान में 104 बार संशोधन किया गया है। अंतिम बार 25 जनवरी, 2020 को एससी और एसटी सीटों के आरक्षण की सीटों को बढाने के लिए संशोधन (modification) किया गया था। भारतीय संविधान के 395 अनुच्छेदों में से 250 अनुच्छेद 1935 के अधिनियम से लिए गए है। भारत के संविधान के निर्माण में 10 देशो के संविधान की अहम भूमिका है ।
भारत में संविधान दिवस कब मनाया जाता है
भारत का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ था। इसलिए इस दिन को हमारे देश में संविधान दिवस के रुप में मनाया जाता है पहले इसे कानून दिवस के रुप में मनाया जाता था। लेकिन भारतीय संविधान को 26 जनवरी, 1950 में लागू किया गया था। इसलिए 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस (Republic day) के रूप में मनाया जाता है।
भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार और कर्तव्य
किसी भी लोकतांत्रिक देश के लोगों के लिए मौलिक अधिकारों की बहुत ही अहमियत होती है, जिन्हें लोगों के हितों के लिए बनाया गया है। भारत का संविधान अपने नागरिकों को छह मौलिक अधिकार प्रदान करता है।
मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)
- स्वतंत्रता का अधिकार (Right to freedom)
- सांस्कृतिक और शैक्षिक (Cultural and educational Right)
- संवैधानिक उपचार का अधिकार (Right to constitutional remedies)
- शोषण के खिलाफ अधिकार। (Right against exploitation)
- समानता का अधिकार। (Right to equality)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार। (Right to freedom of religion)
मौलिक कर्तव्य (Fundamental duties)
देश के नागरिकों के भी देश के प्रति कुछ जरुरी कर्तव्य होते है। जो देश की अखंड़ता और संप्रभूता के लिए बहुत ही जरुरी होते है। हमारे संविधान में 11 मौलिक कर्तव्य बनाए गए है।
- संविधान का पालन करना तथा राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान।
- राष्ट्रीय आन्दोलन के प्रेरक आदर्शों का पालन।
- देश की एकता, संप्रभुता व अखंडता की रक्षा करना।
- देश की रक्षा और राष्ट्र सेवा।
- भारत के लोगों के मे आपसी भाईचारे को बढाना व समरसता का विकास।
- समन्वित संसकृति की गौरवशाली परम्परी की रक्षा।
- प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करना और सभी प्राणियों के प्रति दया भाव।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन का विकास।
- सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा व किसी भी प्रकार की हिंसा से दुुर रहना।
- व्यक्तिगत तथा सामूहिक उत्कर्ष का प्रयास।
- 6 से14 वर्ष की उम्र के बच्चों को शिक्षा के अवसर उपलब्ध करवाना।
भारतीय संविधान में कितनी अनुसूचियां हैं
संविधान के निर्माण के समय 8 अनुसूचियाँ थी लेकिन वर्तमान समय मे यह अनुसूचियाँ 8 से बढ़कर 12 हो गई है। हमारे संविधान मे 395 अनुच्छेेद है । ये अनुसूचियाँ संविधान के अनुच्छेदो के बारें मे विस्तार से बताती है।
- राज्यो का विवरण
- पदाधिकारियों के वेतन भत्ते एंव पेंशन।
- शपथ ग्रहण का प्रारुप
- राज्यों एवं संघ क्षेत्रो के द्वारा राज्य सभा में प्रतिनिधित्व।
- अनुसुचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियाँ के प्रशासन और नियंत्रण के बारें में।
- असम,मेघालय, त्रिपुरा एंव मिजोरम राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन का प्रावधान।
- केंद्र और राज्यों सरकारों मे बँटवारा
- इस अनुसूची में भारत की 22 भाषाओं का उल्लेख है।
- पहला संविधान संशोधन 1951 द्वारा जोड़ी गयी। इसमें राज्य द्वारा सम्पति का अधिग्रहण का उल्लेख है।
- दल बदल सम्बन्धी का प्रावधान। इसको 52 वें संशोधन 1985 द्वारा जोड़ा गया।
- इसमें पंचायती राज संस्थाओं के 29 विषयों का उल्लेख है। जोकि 73वे संशोधन द्वारा 1993 में जोड़ा गया ।
- नगरीय निकायों या नगर पालिका के 18 विषय जिसे 74 वें संशोधन द्वारा 1993 में जोड़ा गया।
भारत का सविधान पीडीएफ - Indian Constitution in Hindi PDF
हमने आज के लेख द्वारा आप सभी को भारत के संविधान के बारें मे बहुत ही सरल भाषा में विस्तार से बताने का प्रयास किया है। हमारा यह लेख देश के संविधान को जानने की इच्छा रखने वाले लोगों व स्कुल के बच्चों के लिए बहुत ही उपयोगी रहेगा। यदि आप भारतीय संविधान के बारे में छोटी से छोटी जानकारी चाहते है या आप Competitive Exams की तैयारी करने वाले Student है तो हम आपको भारतीय संविधान हिंदी भाषा की PDF का लिंक नीचे दे रहे है। जिस पर क्लिक करके आप Bharat के Samvidhan को PDF Format में Download कर सकते है :