धारा 280 आईपीसी - IPC 280 in Hindi - सजा और जमानत - जलयान का उतावलेपन से चलाना
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 280 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 280 के अनुसार जो कोई किसी जलयान को ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से चलाएगा, जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो जाए या किसी अन्य व्यक्ति को उपहति या क्षति कारित होना सम्भाव्य हो, वह दोनों में किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी , या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।1 भारत शासन (भारतीय विधि अनुकूलन) आदेश, 1937 द्वारा भारत सरकार द्वारा या किसी सरकार द्वारा के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
2 विधि अनुकूलन आदेश, 1950 द्वारा केन्द्रीय या किसी प्रादेशिक शब्दों का लोप किया गया ।
3 भारतीय स्वतंत्रता (केन्द्रीय अधिनियम तथा अध्यादेश अनुकूलन) आदेश, 1948 द्वारा या क्राउन प्रतिनिधि शब्दों का लोप किया गया । भारतीय दंड संहिता, 1860 53
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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किसी भी पोत को इतनी जल्दबाजी या लापरवाही से नेविगेट करना कि मानव जीवन को खतरे में डालना आदि | 6 महीने या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : किसी भी पोत को इतनी जल्दबाजी या लापरवाही से नेविगेट करना कि मानव जीवन को खतरे में डालना आदि
Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों
Cognizance : संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 280 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 280 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 280 अपराध : किसी भी पोत को इतनी जल्दबाजी या लापरवाही से नेविगेट करना कि मानव जीवन को खतरे में डालना आदि
आई. पी. सी. की धारा 280 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 280 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 280 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 280 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 280 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 280 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 280 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 280 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 280 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 280 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।