धारा 242 आईपीसी - IPC 242 in Hindi - सजा और जमानत - कूटकॄत सिक्के पर ऐसे व्यक्ति का कब्जा जो उस समय उसका कूटकॄत होना जानता था जब वह उसके कब्जे में आया था

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 242 का विवरण
  2. धारा 242 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 242 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 242 के अनुसार जो कोई ऐसे कूटकॄत सिक्के को, जिसे वह उस समय, जब वह सिक्का उसके कब्जे में आया था, जानता था कि वह कूटकॄत है, कपटपूर्वक या इस आशय से कि कपट किया जाए, कब्जे में रखेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

Offence : एक व्यक्ति द्वारा नकली सिक्के का कब्जा जो यह नकली होना जानता था जब वह उसके पास हो गया


Punishment : 3 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 242 को बीएनएस धारा 180 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 242 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 242 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 242 अपराध : एक व्यक्ति द्वारा नकली सिक्के का कब्जा जो यह नकली होना जानता था जब वह उसके पास हो गया



आई. पी. सी. की धारा 242 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 242 के मामले में 3 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 242 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 242 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 242 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 242 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 242 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 242 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 242 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।