धारा 144 क्या है (CRPC 144 in Hindi) - नियम, सजा और जमानत



दोस्तों आपने भी अकसर समाचारों में देखा व सुना होगा कि किसी क्षेत्र में मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन द्वारा धारा 144 लगा दी, लेकिन क्या आपको पता है यह किस कारण लगाई जाती है। जी हाँ आज हम इसी बारे में जानकारी देंगे, यह एक ऐसा कानूनी प्रावधान (Legal Provision) है जिसे देश के किसी भी क्षेत्र (Area) में किसी भी आपात स्थिति (Emergency Situation) या हिंसा (Violence) को रोकने के लिए लगाया जा सकता है। इसलिए इसके सभी नियमों व इसके उल्लंघन की सजा के बारे में सभी लोगों को जानकारी होना भी बहुत जरुरी है। इसलिए आज हम इस प्रावधान की हर छोटी से छोटी जानकारी आपको देंगे की सीआरपीसी की धारा 144 क्या है (CRPC Section 144 in Hindi), धारा 144 कब और क्यों लागू होती है? Section 144 की सजा क्या है?


कोई भी प्राकृतिक आपदा, हिंसा, या कोई भी ऐसी स्थिति जिसके कारण लोगों के जीवन को और उनकी संपत्ति (Property) को नुकसान पहुँचने का डर हो तो प्रशासन (Administration) को कानून व्यवस्था (Law & Order) व सार्वजनिक शांति (Public Peace) बनाए रखने के लिए कुछ कठोर कदम उठाने पड़ते है। ये कदम किस प्रकार हमारे हित में कार्य करते है और कैसे हम इन आदेशों (Orders) का पालन करके हम अपराधी (Criminal) बनने से खुद का बचाव कर सकते है, जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़े।



धारा 144 क्या है - CRPC Section 144 in Hindi

दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 144 एक कानूनी प्रावधान है जो जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate), उपमंडल अधिकारी, को सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की शक्तियां (Powers) प्रदान करती है। किसी भी जगह पर हिंसा (Violence), दंगे (Riots) या कोई भी संदिग्ध घटना होने से रोकने व लोगों के जीवन व उनकी संपत्ति को होने वाले किसी भी नुकसान को रोकने के लिए धारा 144 लागू की जाती है। CRPC Section 144 के आदेश लागू होने के बाद 4 या उससे अधिक लोगों को एक साथ खड़े होने नहीं दिया जाता। इसके साथ ही Section 144 लगने के बाद Internet भी बंद कर दिया जाता है।

इसे और भी आसानी से समझे तो इसका मतलब है कि जब भी किसी जगह पर सीआरपीसी की धारा 144 को लागू किया जाता है तो वहाँ 4 या उससे ज्यादा लोगों का समूह (Group) किसी एक जगह पर इकट्ठा नहीं हो सकता। यदि कोई भी dhara 144 के इन आदेशों का उल्लंघन (Violation) करता है तो उस पर कानूनी कार्यवाही (Legal Action) की जाती है।  



सीआरपीसी धारा 144 कब लागू होती है - नियम

आईये जानते है कि वो कौन से कारण होते है या हो सकते है जिनके कारण सीआरपीसी सैक्शन 144 लागू करने की जरुरत पड़ती है।

  • किसी भी ऐसी जगह पर जहाँ दो समुदायों (Communities) में आपस में हिंसा होने की संभावना हो।
  • विरोध प्रदर्शन व रैलियों के कारण होने वाली हिंसा को रोकने के लिए।
  • किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं या आपात स्थिति के मामले में बचाव कार्य के बीच में रुकावट बनने वाले लोगों व प्रदर्शन करने वाले लोगों को रोकने के लिए।
  • चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी प्रकार की लड़ाई झगड़े को रोकने के लिए।
  • लोगों के द्वारा आपस में फैलने वाली किसी भी महामारी (Epidemic) के दौरान की जाने वाली रैलियों व लोगों के समूहों में घूमने से रोकने के लिए।
  • किसी सरकारी नौकरी के बड़े पदों के लिए परिक्षा के दौरान होने वाली किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए।

इसके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण हो सकते है जिनमें CRPC Section 144 लागू की जा सकती है।

जाने - दंगे (Riot) की आईपीसी धारा 147 कब लगती है



धारा 144 लागू होने पर क्या होता है?

Section 144 के आदेश जारी होने के बाद किन-किन कार्यों पर प्रतिबंध लग जाते है और इसकी कुछ मुख्य विशेषताएं क्या है ये सारी जानकारी जानना भी आपके लिए बहुत जरुरी है, जो कि इस प्रकार है:-

  • धारा 144 का मुख्य उद्देश्य उन जगहों पर कानून व्यवस्था व शांति बनाए रखना है जहाँ किसी भी प्रकार की हिंसा या कोई भी अप्रिय घटना होने की संभावना हो।
  • इसके किसी क्षेत्र में प्रभावी होने के बाद 4 या उसे अधिक लोगों के समूहों (Groups) पर रोक लगा दी जाती है।
  • जिस भी क्षेत्र में इसे लागू (Applicable) किया जाता है वहाँ पर होने वाले किसी भी समारोह, रैलियों, और विरोध प्रदर्शनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है।
  • इसके प्रभावी होने के बाद हथियारों (Weapons) को रखने व कही लाने जाने पर भी रोक लगा दी जाती है।
  • इसके लागू होने पर उस क्षेत्र के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया जाता है। जैसे स्कूल, कालेज आदि।
  • कुछ मामलों में जहाँ किसी बड़ी हिंसा के होने का डर होता है वहाँ पर इन्टरनेट (Internet) पर भी रोक लगा दी जाती है।
  • सीआरपीसी धारा 144 को कुछ दिनों से लेकर दो महीने तक भी लागू किया जा सकता है।
  • जो भी व्यक्ति धारा 144 के आदेशों (Orders) का उल्लंघन करता है उस पर आपराधिक कार्यवाही की जा सकती है, और दोषी (Guilty) पाये जाने पर सजा भी दी जा सकती है।


धारा 144 कितने समय (दिन) तक लागू रहती है?

  • सीआरपीसी धारा 144 लागू होने के आदेश के तहत इसे 2 महीने तक इसे लागू किया जा सकता है।
  • इसके बाद भी अगर किसी क्षेत्र के हालात ठीक नहीं होते तो इसे आगे भी बढाया जा सकता है।
  • यदि किसी क्षेत्र में स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो जाती है तो कुछ ही दिनों में ही इसे हटा दिया जाता है।
  • कभी-कभी तो इसे केवल 2 या 3 दिन के लिए ही लगाया जा सकता है, और हालात सामान्य होने पर हटा लिया जाता है।


CRPC Section 144 कौन लागू करता है

  • धारा 144 जिलाधिकारी (District Magistrate) व उपमंडल अधिकारी (Sub Division Magistrate) द्वारा लागू की सकती है।
  • सैक्शन144 को लागू करने के आदेश  पुलिस कमिश्नर द्वारा भी लागू किए जा सकते है।
  • इसके साथ ही राज्य सरकार (State Government) के किसी अधिकारी द्वारा भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए इसे लागू किया जा सकता है।


सीआरपीसी धारा 144 का उल्लंघन करने की सजा क्या है?

धारा 144 का उल्लंघन करना एक संज्ञेय अपराध (Cognizable Crime) माना जाता है जिसका मतलब होता है कि ऐसे अपराध करने के कारण पुलिस आपको बिना वारंट (Warrant) के गिरफ्तार (Arrest) कर सकती है। CRPC Section 144 के उल्लंघन करने का मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत दर्ज किया जाता है, जो कि उस व्यक्ति द्वारा किए गए कार्यों व परिस्थितियों पर निर्भर करती है। कुछ सामान्य धाराएँ जिनके तहत धारा 144 के तहत मुकदमा दर्ज (Lawsuit Filled) किया जा सकता है वो इस प्रकार है:-

  • IPC सैक्शन 188 : एक लोक सेवक द्वारा लागू किए गए आदेश की अवज्ञा करना।
  • IPC सैक्शन 269 लापरवाही से किया गया कार्य जिससे जीवन के लिए खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना हो।
  • इसके अलावा जो धारा 144 उल्लंघन (Violation) करता है उनको 24 घंटे के लिए भी गिरफ्तार किया जा सकता है, और यदि बार बार कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे धारा 144 की सजा के तौर पर 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष तक की कारावास (Imprisonment) की सजा (Punishment) भी दी जा सकती है।


CRPC Section 144 में जमानत (Bail) का प्रावधान

सीआरपीसी की धारा 144 एक जमानती अपराध (Bailable Offence) माना जाता है, जिसमें आरोपी (Accused) व्यक्ति को अधिकार के तौर पर जमानत (Bail) मिल जाती है। यदि ऐसे मामलों में आपको किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो आप किसी वकील से कानूनी सलाह (Legal Advice) भी ले सकते है।



धारा 144 और कर्फ्यू में अंतर - CRPC 144 vs Curfew in Hindi

धारा 144 (CRPC 144)

आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Code Of Criminal Procedure) की धारा 144 को स्थानीय प्रशासन द्वारा लागू किया जाता है। जिसके प्रभावी होने के बाद किसी भी सार्वजनिक स्थान पर 4 या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी जाती है।

इसका उद्देश्य तनाव, विरोध प्रदर्शन या संभावित हिंसा को रोकने व समाज में शांति बनाए रखने के लिए किया जाता है।

dhara 144 लोगों के समूहों व सभाओं और प्रदर्शनों पर रोक लगाती है। परन्तु व्यक्तियों को स्वतंत्र घूमने व अपनी नियमित गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति देती है।  

कर्फ़्यू (Curfew)

कर्फ्यू (Curfew) का इस्तेमाल ज्यादा गंभीर मामलों में किया जाता है जिसमें सरकार द्वारा दिन के कुछ घंटों के बाद लोगों की आवाजाही (Movement) और सभी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है। जिसका अर्थ यह है कि इसके लागू होने के बाद किसी भी व्यक्ति को अपने घर से बाहर आने-जाने की अनुमति नहीं होती।

इसको लागू करने का उद्देश्य (Aim) किसी भी आपात स्थिति, प्राकृतिक आपदाओं व सार्वजनिक सुरक्षा को किसी भी प्रकार का खतरे से देश के लोगों को बचाने का होता है।

इसमें सभी प्रकार की गतिविधियों व आवाजाही पर रोक लग जाती है, कुछ जरुरी सेवाओं के लिए आने जाने की अनुमति होती है। जैसे चिकित्सा के समय।

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धारा 144 में मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ व कार्य?

  • इनके पास आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 को लागू करके पूरे क्षेत्र में लोगों के जमा होने पर रोक लगाने का अधिकार (Right) होता है।
  • इनके द्वारा पहले पूरी स्थिति का आकलन किया जाता है और जब इन्हें लगता है कि सार्वजनिक सुरक्षा (Public Security) व शांति को खतरा है तो ये Section 144 लागू करने का आदेश जारी करते है।
  • इनके द्वारा जारी किया गया आदेश लिखित रुप में होना चाहिए, जिसमें प्रतिबंध (Ban) लगाने के कारण व जिस क्षेत्र में इसे लागू किया गया है बिल्कुल सपष्ट रुप से लिखा होना चाहिए।
  • आदेश लागू होने के बाद इसकी सार्वजनिक घोषणा (Public Announcements) भी इनके द्वारा करवाई जाती है। जिससे सभी लोगों को धारा 144 के कारण लगे प्रतिबंधों के बारे में जानकारी हो सके।
  • सैक्शन 144 के आदेशों का उल्लंघन करने के लिए उचित बल (Force) का प्रयोग करने के लिए मजिस्ट्रेट या जिलाधिकारी द्वारा लोगों की सभा को तितर-बितर (Dispersed) करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करने का आदेश दिया जाता है।

इनके पास सभी लोगों की सुरक्षा को देखते हुए व किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए कानूनी (Legally) रुप से सभी आवश्यक शक्तियाँ (Powers) होती है, और ऐसे मामलों से निपटने के लिए इनके द्वारा हर जरुरी कार्य किए जाते है।


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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


सीआरपीसी की धारा 144 क्या है?

आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत यदि किसी भी जगह सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा होता है या किसी भी प्रकार की हिंसा का खतरा होता है तो वहाँ पर Section 144 लगाकर चार या उससे अधिक लोगों के जमावड़े पर रोक लगा दी जाती है।



क्या धारा 144 को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है?

हाँ, इसके आदेश से प्रभावित व्यक्ति या समूह द्वारा इसके खिलाफ अदालत (Court) में चुनौती दे सकता है, यदि उसे ऐसा लगता है कि यह आदेश लागू करना उचित नहीं है। ऐसी स्थिति में राहत पाने के लिए अदालत में चुनौती दी जा सकती है।  



CRPC Section 144 के आदेशों का उल्लंघन करने की सजा क्या हैं?

धारा 144 के आदेश का उल्लंघन करना भारतीय कानून के तहत दंडनीय अपराध है। इसके प्रावधानों अनुसार सजा के तौर पर 1 वर्ष से लेकर तीन साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों शामिल हो सकते हैं।



क्या पुलिस धारा 144 के तहत बल का प्रयोग कर सकती है?

हां, यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है तो पुलिस तितर-बितर (यानि समूह में शामिल लोगों को भगाने के लिए) करने के लिए आवश्यक बल का प्रयोग कर सकती है।