धारा 138 आईपीसी - IPC 138 in Hindi - सजा और जमानत - सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अनधीनता के कार्य का दुष्प्रेरण।
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 138 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 138 के अनुसार जो कोई भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना के किसी अधिकारी, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अवज्ञाकारिता के कार्य के लिए दुष्प्रेरित करेगा, और यदि अवज्ञाकारिता का ऐसा कार्य उस दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया जाए, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास से जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।लागू अपराध
भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना के किसी अधिकारी, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक को अवज्ञाकारिता के कार्य के लिए दुष्प्रेरित करना, यदि अवज्ञा उस दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप हुई हो।
सजा - छह महीने कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
किसी अधिकारी, सिपाही, नाविक या एयरमैन द्वारा अपमान का कार्य करना | 6 महीने या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : किसी अधिकारी, सिपाही, नाविक या एयरमैन द्वारा अपमान का कार्य करना
Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों
Cognizance : संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 138 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 138 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 138 अपराध : किसी अधिकारी, सिपाही, नाविक या एयरमैन द्वारा अपमान का कार्य करना
आई. पी. सी. की धारा 138 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 138 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 138 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 138 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 138 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 138 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 138 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 138 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 138 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 138 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।