धारा 135 आईपीसी - IPC 135 in Hindi - सजा और जमानत - सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा परित्याग का दुष्प्रेरण।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 135 का विवरण
  2. धारा 135 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 135 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 135 के अनुसार जो भी कोई भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना के किसी अधिकारी, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक को कर्तव्य छोड़कर भागने के लिए दुष्प्रेरित करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा परित्याग का दुष्प्रेरण।
सजा - दो वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : एक अधिकारी, सिपाही, नाविक या एयरमैन की मर्यादा का उन्मूलन


Punishment : 2 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 135 को बीएनएस धारा 163 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 135 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 135 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 135 अपराध : एक अधिकारी, सिपाही, नाविक या एयरमैन की मर्यादा का उन्मूलन



आई. पी. सी. की धारा 135 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 135 के मामले में 2 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 135 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 135 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 135 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 135 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 135 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 135 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 135 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।