संज्ञेय (Cognizable) और गैर-संज्ञेय (Non Cognizable) अपराध क्या है



कोई भी ऐसा कार्य जो बिना किसी की अनुमति के विरुद्ध किया जाता है। जिसको करने से किसी व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक रुप से चोट पहुँच सकती है। ऐसा करना अपराध कहलाता है। हमारे देश में दिन-प्रतिदिन अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। उसी प्रकार उन अपराधों से बचाव करने के लिए व समाज को सुचारु रुप से चलाने के लिए बहुत सारे कानून बनाए गए है। जिनके अनुसार अपराध को दो भागो में बाँटा गया है संज्ञेय और गैर-संज्ञेय अपराध।

हम आज के लेख में इसी विषय पर बात करेंगे की संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) क्या है? गैर-संज्ञेय (Non Cognizable Offence) अपराध क्या है - अपराधो की सूची? अगर आप इन दोनों अपराध श्रेणी के बारे में सरल भाषा में विस्तार से जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े। 




संज्ञेय अपराध क्या है - Cognizable Offence in Hindi

हमारे देश के संविधान द्वारा बनाए गए कानून के अनुसार किस व्यक्ति को क्या सजा मिलनी है। यह अपराध की गंभीरता को देखते हुए तय किया जाता है। सी.आर.पी.सी की धारा 2(c) के अंतर्गत बताया गया है। वो अपराध जिनमें 3 वर्ष की कैद से ज्यादा की सजा हो वो अपराध गंभीर श्रेणी के अपराध (Serious offence) होते है। जिन्हें संज्ञेय (Cognizable offence) अपराध कहा जाता है। इस अधिनियम की धारा के अनुसार यदि कोई व्यक्ति संज्ञेय अपराध करता है तो पुलिस उसे बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है। ऐसे मामलों में पुलिस न्यायालय की अनुमति के बगैर जांच शुरु कर सकती है। संज्ञेय अपराध जमानती व गैर-जमानती (Bailable or non bailable) दोनों तरह के हो सकते है

NOTE:- कुछ मामलों में देखा जाता है कि किसी व्यक्ति को झूठे केस में फंसाने के लिए गंभीर अपराधों के तहत शिकायत दर्ज करवा दी जाती है। संज्ञेय अपराध होने के कारण उस व्यक्ति को गिरफ्तार होने के बाद जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है। इसलिए ऐसे मामलों में जमानत के लिए अग्रिम जमानत के तहत गिरफ्तारी से पहले आवेदन किया जाता है। यदि आप अग्रिम जमानत के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो हमारे अग्रिम जमानत के लेख को पढ़ सकते है।



संज्ञेय अपराध कौन से होते है सूची - Cognizable Offence List

संज्ञेय शब्द का इस्तेमाल उन अपराधों के लिए किया जाता है जो प्रकृति में बहुत ही गंभीर होते है। यदि कोई व्यक्ति ऐसा अपराध करता है तो पुलिस को तुरन्त उस व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज करनी होती है। उसके बाद पुलिस उस व्यक्ति को बिना किसी वारंट या अनुमति के गिरफ्तार कर सकती है। आइये जानते है वो कौन से अपराध है जो संज्ञेय अपराध कहलाते है।
 

 


गैर-संज्ञेय अपराध क्या हैं - Non Cognizable Offence in Hindi

गैर-संज्ञेय अपराध वो अपराध होते है जिनकी प्रकृति गंभीर नहीं होती। सी.आर.पी.सी की धारा 2(1) के दवारा गैर-संज्ञेय अपराधों के बारें में बताया गया है। जिसमें बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति Non Cognizable अपराध करता है तो पुलिस बिना किसी वारंट के उसे गिरफ्तार नहीं कर सकती।

CRPC की धारा 155 में बताया गया है कि इस तरह के अपराध के बारें में पुलिस को शिकायत मिलती है तो ऐसे मामलों में एफआईआर के बजाए एनसीआर (Non Cognizable Report) दर्ज की जाती है।  तो उसकी जांच करने के लिए मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी पड़ती है। उसके बाद चार्जशीट दाखिल करने के बाद ट्रायल किया जाता है। जिसके बाद यदि आरोपी पर किसी तरह का मामला बनता है तो मजिस्ट्रेट द्वारा गिरफतार करने का आदेश जारी किया जाता है।



गैर-संज्ञेय अपराध की सूची - Non Cognizable Offence List

ऐसे अपराध जो कम गंभीर होते है जो कि जमानती होते है। उन्हे गैर-संज्ञेय अपराध कहा गया है। आइये जानते है कुछ गैर-संज्ञेय अपराधों के बारे में।

 


संज्ञेय व गैर-संज्ञेय अपराध में गिरफ्तारी के नियम

आपराधिक प्रक्रिया संहिता के अनुसार संज्ञेय व गैर-संज्ञेय अपराधों में पुलिस की जांच प्रक्रिया के बीच एक छोटा सा अंतर किया गया है।

  • संज्ञेय अपराध में पुलिस आरोपी को तुरन्त गिरफ्तार कर सकती है। क्योंकि जिस भी व्यक्ति ने इस तरह का कोई गंभीर अपराध किया है वह समाज के अन्य लोगों के लिए भी किसी ना किसी प्रकार से खतरा बन सकता है। इसलिए पुलिस को Cognizable Offence में यह अधिकार दिया जाता है कि वे बिना अदालत की अनुमति के आरोपी को पकड़ सकते है और केस की जांच शुरु कर सकते है।
  • लेकिन गैर-संज्ञेय अपराधों में पुलिस को आरोपी को पकड़ने के लिए या उस मामले की जांच करने के लिए अदालत की अनुमति लेनी पड़ती है।
 

Note:- यदि कोई पुलिस अधिकारी आपको किसी ऐसे अपराध के आरोप में गिरफ्तार करने आता है जो गैर-संज्ञेय हो तो आप उन्हें वारंट लाने के लिए वापिस भेज सकते हो। यदि कोई पुलिस अधिकारी अपने पद का गलत इस्तेमाल करता है तो उसकी शिकायत उच्च अधिकारी से या न्यायालय में कर सकते है।    



संज्ञेय और गैर-संज्ञेय अपराध में अंतर

संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) गैर-संज्ञेय अपराध (Non Cognizable Offence)
संज्ञेय अपराध वो अपराध जो प्रकृति में गंभीर होते है।   गैर-संज्ञेय अपराध जो गंभीर श्रेणी में नहीं आते।
अधिकतर संज्ञेय अपराध गैर-जमानती होते है। लेकिन कुछ संज्ञेय अपराध ऐसे भी होते है जो जमानती होते है।   गैर-संज्ञेय अपराध जमानती होते है।
इस तरह के मामलों में पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर तुरन्त एफआईआर दर्ज कर ली जाती है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस द्वारा NCR (Non Cognizable Report) दर्ज की जाती है।
पुलिस आरोपी को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है। आरोपी को पकड़ने के लिए मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी पड़ती है।
संज्ञेय अपराध के उदाहरण :- हत्या, बलात्कार, चोरी, अपहरण आदि। गैर-संज्ञेय अपराधों के उदाहरण :- मारपीट, धोखाधड़ी, झूठे सबूत पेश करना आदि।
संज्ञेय अपराध में वकील की आवश्यकता पड़ती है। गैर-संज्ञेय अपराध में भी वकील की आवश्यकता पड़ती है।

आज के लेख द्वारा हमने आपको बहुत ही स्पष्ट रुप से बताया कि संज्ञेय और गैर-संज्ञेय अपराध (Cognizable vs Non Cognizable Offence) क्या है - अपराधो की सूची?

यही इच्छा रखते हुए कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा और आपको संज्ञेय और गैर- संज्ञेय अपराध से जुड़े अपने सभी सवालों के उत्तर मिल गए होंगे। इसलिए इस लेख को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करे। यदि आपका हमारे आज के लेख से जुड़ा कोई सवाल है तो आप हमसे कानूनी सलाह ले सकते है।
 


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