धारा 453 आईपीसी - IPC 453 in Hindi - सजा और जमानत - प्रच्छन्न गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन के लिए दंड

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 453 का विवरण
  2. धारा 453 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 453 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 453 के अनुसार जो कोई प्रच्छन्न गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।
1 1955 के अधिनियम सं0 26 की धारा 117 और अनुसूची द्वारा (1-1-1956 से) आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 85

Offence : गुप्त घर अतिचार या घर तोड़ने


Punishment : 2 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 453 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 453 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 453 अपराध : गुप्त घर अतिचार या घर तोड़ने



आई. पी. सी. की धारा 453 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 453 के मामले में 2 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 453 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 453 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 453 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 453 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 453 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 453 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 453 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।