धारा 79 आईपीसी - IPC 79 in Hindi - सजा और जमानत - विधि द्वारा न्यायानुमत या तथ्य की भूल से अपने को विधि द्वारा न्यायानुमत होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
विषयसूची
धारा 79 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 79 के अनुसार कोई बात अपराध नहीं है, जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाए, जो उसे करने के लिए विधि द्वारा न्यायानुमत हो, या तथ्य की भूल के कारण, न कि विधि की भूल के कारण सद््भावपूर्वक विश्वास करता हो कि वह उसे करने के लिए विधि द्वारा न्यायानुमत है ।दृष्टांत
क, य को ऐसा कार्य करते देखता है, जो क को हत्या प्रतीत होता है । क सद््भावपूर्वक काम में लाए गए अपने श्रेष्ठ निर्णय के अनुसार उस शक्ति को प्रयोग में लाते हुए, जो विधि ने हत्याकारियों को उस कार्य में पकड़ने के लिए समस्त व्यक्तियों को दे रखी है, य को उचित प्राधिकारियों के समक्ष ले जाने के लिए य को अभिगॄहीत करता है । क ने कोई अपराध नहीं किया है, चाहे तत्पश्चात्् असल बात यह निकले कि य आत्म-प्रतिरक्षा में कार्य कर रहा था ।
आईपीसी धारा 79 को बीएनएस धारा 17 में बदल दिया गया है।
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