धारा 489क आईपीसी - IPC 489क in Hindi - सजा और जमानत - करेन्सी नोटों या बैंक नोटों का कूटकरण
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
विषयसूची
धारा 489क का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 489क के अनुसार जो कोई किसी करेन्सी नोट या बैंक नोट का कूटकरण करेगा, या जानते हुए करेन्सी नोट या बैंक नोट के कूटकरण की प्रव्रिEया के किसी भाग को सम्पादित करेगा, वह 2[आजीवन कारावास] से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।स्पष्टीकरण--इस धारा के और धारा 489ख, 3[489ग, 489घ और 489ङ] के प्रयोजनों के लिए बैंक नोट पद से उसके वाहक को मांग पर धन देने के लिए ऐसा वचनपत्र या वचनबंध अभिप्रेत है, जो संसार के किसी भी भाग में बैंककारी करने वाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रचालित किया गया हो, या किसी राज्य या संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न शक्ति द्वारा या उसके प्रधिकार के अधीन प्रचालित किया गया हो और जो धन के समतुल्य या स्थानापन्न के रूप में उपयोग में लाए जाने के लिए आशयित हो ।
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