धारा 440 आईपीसी - IPC 440 in Hindi - सजा और जमानत - मॄत्यु या उपहति कारित करने की तैयारी के पश्चात् की गई रिष्टि
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 440 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 440 के अनुसार जो कोई किसी व्यक्ति को मॄत्यु या उसे उपहति या उसका संदोष अवरोध कारित करने की अथवा मॄत्यु का, या उपहति का, या सदोष अवरोध का भय कारित करने की, तैयारी करके रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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मौत, या चोट आदि के लिए की गई तैयारी के बाद की गई शरारत | 5 साल + जुर्माना | संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
Offence : मौत, या चोट आदि के लिए की गई तैयारी के बाद की गई शरारत
Punishment : 5 साल + जुर्माना
Cognizance : संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
IPC धारा 440 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 440 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 440 अपराध : मौत, या चोट आदि के लिए की गई तैयारी के बाद की गई शरारत
आई. पी. सी. की धारा 440 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 440 के मामले में 5 साल + जुर्माना का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 440 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 440 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 440 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 440 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 440 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 440 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 440 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 440 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।