धारा 426 आईपीसी - IPC 426 in Hindi - सजा और जमानत - रिष्टि के लिए दण्ड
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 426 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 426 के अनुसार जो कोई रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा । भारतीय दंड संहिता, 1860 82अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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शरारत | 3 महीने या जुर्माना या दोनों | गैर - संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : शरारत
Punishment : 3 महीने या जुर्माना या दोनों
Cognizance : गैर - संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 426 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 426 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 426 अपराध : शरारत
आई. पी. सी. की धारा 426 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 426 के मामले में 3 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 426 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 426 गैर - संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 426 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
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आई. पी. सी. की धारा 426 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 426 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 426 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 426 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।