धारा 371 आईपीसी - IPC 371 in Hindi - सजा और जमानत - दासों का आभ्यासिक व्यवहार करना।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 371 का विवरण
  2. धारा 371 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 371 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 371 के अनुसार जो कोई अभ्यासतः दासों को आयात, निर्यात, हटाएगा, खरीदेगा, बेचेगा या उनका दुर्व्यापार या व्यवहार करेगा, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

लागू अपराध
दासों का आभ्यासिक व्यवहार करना।
सजा - आजीवन कारावास या दस वर्ष तक कारावास और आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : दासों में अभ्यस्त व्यवहार


Punishment : जीवन या 10 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय



आईपीसी धारा 371 को बीएनएस धारा 145 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 371 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 371 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 371 अपराध : दासों में अभ्यस्त व्यवहार



आई. पी. सी. की धारा 371 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 371 के मामले में जीवन या 10 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 371 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 371 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 371 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 371 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 371 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 371 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 371 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।