धारा 369 आईपीसी - IPC 369 in Hindi - सजा और जमानत - दस वर्ष से कम आयु के शिशु के शरीर पर से चोरी करने के आशय से उसका व्यपहरण या अपहरण
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 369 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 369 के अनुसार जो कोई दस वर्ष से कम आयु के किसी शिशु का इस आशय से व्यवहरण या अपहरण करेगा कि ऐसे शिशु के शरीर पर से कोई जंगम संम्पत्ति बेईमानी से ले ले, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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ऐसे बच्चे के व्यक्ति से संपत्ति लेने के इरादे से बच्चे का अपहरण या अपहरण | 7 साल + जुर्माना | संज्ञेय | गैर जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
Offence : ऐसे बच्चे के व्यक्ति से संपत्ति लेने के इरादे से बच्चे का अपहरण या अपहरण
Punishment : 7 साल + जुर्माना
Cognizance : संज्ञेय
Bail : गैर जमानतीय
Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
IPC धारा 369 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 369 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 369 अपराध : ऐसे बच्चे के व्यक्ति से संपत्ति लेने के इरादे से बच्चे का अपहरण या अपहरण
आई. पी. सी. की धारा 369 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 369 के मामले में 7 साल + जुर्माना का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 369 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 369 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 369 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 369 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 369 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 369 गैर जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 369 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 369 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।