धारा 361 आईपीसी - IPC 361 in Hindi - सजा और जमानत - विधिपूर्ण संरक्षकता में से व्यपहरण

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


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विषयसूची

  1. धारा 361 का विवरण

धारा 361 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 361 के अनुसार जो कोई किसी अप्राप्तव्य को, यदि वह नर हो, तो 2[सोलह] वर्ष से कम आयु वाले को, या यदि वह नारी हो तो 3[अठारह] वर्ष से कम आयु वाली को या किसी विकॄतचित्त व्यक्ति को, ऐसे अप्राप्तवय या विकॄतचित्त व्यक्ति के विधिपूर्ण संरक्षक की संरक्षकता में से ऐसे संरक्षक की सम्मति के बिना ले जाता है या बहका ले जाता है, वह ऐसे अप्राप्तवय या ऐसे व्यक्ति का विधिपूर्ण संरक्षकता में से व्यपहरण करता है, यह कहा जाता है ।
स्पष्टीकरण--इस धारा में विधिपूर्ण संरक्षक शब्दों के अन्तर्गत ऐसा व्यक्ति आता है जिस पर ऐसे अप्राप्तवय या अन्य व्यक्ति की देखरेख या अभिरक्षा का भार विधिपूर्वक न्यस्त किया गया है ।
अपवाद--इस धारा का विस्तार किसी ऐसे व्यक्ति के कार्य पर नहीं है, जिसे सद्भावपूर्वक यह विश्वास है कि वह किसी अधर्मज शिशु का पिता है, या जिसे सद्भावपूर्वक यह विश्वास है कि वह ऐसे शिशु की विधिपूर्ण अभिरक्षा का हकदार है, जब तक कि ऐसा कार्य दुराचारिक या विधिविरुद्ध प्रयोजन के लिए न किया जाए ।
आईपीसी धारा 361 को बीएनएस धारा 137 में बदल दिया गया है।



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