धारा 335 आईपीसी - IPC 335 in Hindi - सजा और जमानत - प्रकोपन पर स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 335 का विवरण
  2. धारा 335 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 335 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 335 के अनुसार जो कोई गम्भीर और अचानक प्रकोपन पर 1[ स्वेच्छया] घोर उपहति कारित करेगा, यदि न तो उसका आशय उस व्यक्ति से भिन्न, जिसने प्रकोपन दिया था, किसी व्यक्ति को घोर उपहति कारित करने का हो और न वह अपने द्वारा ऐसी उपहति कारित किया जाना सम्भाव्य जानता हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि चार वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दो हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण--अन्तिम दो धाराएं उन्हीं परन्तुकों के अध्यधीन हैं, जिनके अध्यधीन धारा 300 का अपवाद 1 है ।

Offence : गंभीर और अचानक उत्तेजना पर गंभीर चोट के कारण, चोट करने का इरादा नहीं है और व्यक्ति जो उत्तेजना दिया के अलावा अंय


Punishment : 4 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 335 को बीएनएस धारा 122 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 335 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 335 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 335 अपराध : गंभीर और अचानक उत्तेजना पर गंभीर चोट के कारण, चोट करने का इरादा नहीं है और व्यक्ति जो उत्तेजना दिया के अलावा अंय



आई. पी. सी. की धारा 335 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 335 के मामले में 4 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 335 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 335 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 335 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 335 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 335 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 335 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 335 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।