धारा 320 आईपीसी - IPC 320 in Hindi - सजा और जमानत - घोर आघात।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


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विषयसूची

  1. धारा 320 का विवरण

धारा 320 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 320 के अनुसार

आघात की केवल नीचे लिखी किस्में घोर कहलाती है -

  1. नपुंसीकरण।

  2. दोनों में से किसी भी नेत्र की दृष्टि का स्थायी विच्छेद।

  3. दोनों में से किसी भी कान की सुनने की शक्ति का स्थायी विच्छेद।

  4. किसी भी अंग या जोड़ का विच्छेद।

  5. किसी भी अंग या जोड़ की शक्तियों का नाश या स्थायी नुक़सान पहुंचना।

  6. सिर या चेहरे की स्थायी कुरूपता।

  7. अस्थि या दांत का टूटना या विस्थापित होना।

  8. कोई आघात जिससे जीवन को संकट हो या जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति बीस दिन तक गंभीर शारीरिक कष्ट में रहता है या अपने मामूली कामकाज को करने के लिए असमर्थ रहता है।

आईपीसी धारा 320 को बीएनएस धारा 116 में बदल दिया गया है।



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