धारा 313 आईपीसी - IPC 313 in Hindi - सजा और जमानत - स्त्री की सहमति के बिना गर्भपात कारित करना।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 313 का विवरण
  2. धारा 313 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 313 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 313 के अनुसार जो भी कोई किसी स्त्री की सहमति के बिना, चाहे वह स्त्री स्पन्दनगर्भा हो या नहीं, उसका गर्भपात कारित करेगा या पूर्ववर्ती धारा में परिभाषित अपराध करेगा, तो उसे आजीवन कारावास, या किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा ।

लागू अपराध
स्त्री की सहमति के बिना गर्भपात कारित करना।
सजा - आजीवन कारावास या दस वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : महिला और #8217 की सहमति के बिना गर्भपात का कारण


Punishment : आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय



आईपीसी धारा 313 को बीएनएस धारा 89 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 313 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 313 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 313 अपराध : महिला और #8217 की सहमति के बिना गर्भपात का कारण



आई. पी. सी. की धारा 313 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 313 के मामले में आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 313 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 313 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 313 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 313 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 313 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 313 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 313 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।