धारा 303 आईपीसी - IPC 303 in Hindi - सजा और जमानत - आजीवन कारावास से दण्डित व्यक्ति द्वारा हत्या के लिए दण्ड।
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 303 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 303 के अनुसार जो भी कोई आजीवन कारावास के दण्डादेश के अधीन होते हुए हत्या करेगा, तो उसे मॄत्युदण्ड से दण्डित किया जाएगा।लागू अपराध
आजीवन कारावास से दण्डित अपराधी द्वारा हत्या।
सजा - मॄत्युदण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
आजीवन कारावास की सजा के तहत एक व्यक्ति द्वारा हत्या | मौत | संज्ञेय | गैर जमानतीय | सत्र न्यायालय |
Offence : आजीवन कारावास की सजा के तहत एक व्यक्ति द्वारा हत्या
Punishment : मौत
Cognizance : संज्ञेय
Bail : गैर जमानतीय
Triable : सत्र न्यायालय
IPC धारा 303 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 303 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 303 अपराध : आजीवन कारावास की सजा के तहत एक व्यक्ति द्वारा हत्या
आई. पी. सी. की धारा 303 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 303 के मामले में मौत का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 303 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 303 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 303 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 303 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 303 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 303 गैर जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 303 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 303 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।