धारा 298 आईपीसी - IPC 298 in Hindi - सजा और जमानत - धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के सविचार आशय से शब्द उच्चारित करना आदि।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 298 का विवरण
  2. धारा 298 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 298 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 298 के अनुसार जो कोई किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के सविचार आशय से उसकी श्रवणगोचरता में कोई शब्द उच्चारित करेगा या कोई ध्वनि करेगा या उसकी दृष्टिगोचरता में कोई संकेत करेगा, या कोई वस्तु रखेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के सविचार आशय से उसकी श्रवणगोचरता में कोई शब्द उच्चारित या कोई ध्वनि करना या उसकी दृष्टिगोचरता में कोई संकेत करना।
सजा - एक वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक गैर-जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध पीड़ित व्यक्ति (जिसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचना आशयित हो) द्वारा समझौता करने योग्य है।

Offence : किसी भी शब्द बोलना या सुनवाई में कोई आवाज करना या कोई इशारा करना, या किसी भी व्यक्ति की दृष्टि में किसी भी वस्तु को रखना, अपनी धार्मिक भावनाओं को घायल करने के इरादे से


Punishment : 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 298 को बीएनएस धारा 302 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 298 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 298 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 298 अपराध : किसी भी शब्द बोलना या सुनवाई में कोई आवाज करना या कोई इशारा करना, या किसी भी व्यक्ति की दृष्टि में किसी भी वस्तु को रखना, अपनी धार्मिक भावनाओं को घायल करने के इरादे से



आई. पी. सी. की धारा 298 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 298 के मामले में 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 298 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 298 गैर - संज्ञेय है।



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आई. पी. सी. की धारा 298 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 298 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 298 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 298 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।