धारा 291 आईपीसी - IPC 291 in Hindi - सजा और जमानत - न्यूसेन्स बन्द करने के व्यादेश के पश्चात् उसका चालू रखना
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 291 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 291 के अनुसार जो कोई किसी लोक सेवक द्वारा, जिसको किसी न्यूसेन्स की पुनरावॄत्ति न करने या उसे चालू न रखने के लिए व्यादेश प्रचालित करने का प्राधिकार हो, ऐसे व्यादिष्ट किए जाने पर, किसी लोक न्यूसेन्स की पुनरावॄत्ति करेगा, या उसे चालू रखेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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निषेधाज्ञा को बंद करने के बाद एक उपद्रव करना | 6 महीने के लिए सरल कारावास, या जुर्माना, या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : निषेधाज्ञा को बंद करने के बाद एक उपद्रव करना
Punishment : 6 महीने के लिए सरल कारावास, या जुर्माना, या दोनों
Cognizance : संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 291 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 291 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 291 अपराध : निषेधाज्ञा को बंद करने के बाद एक उपद्रव करना
आई. पी. सी. की धारा 291 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 291 के मामले में 6 महीने के लिए सरल कारावास, या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 291 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 291 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 291 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 291 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 291 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 291 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 291 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 291 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।