धारा 288 आईपीसी - IPC 288 in Hindi - सजा और जमानत - किसी निर्माण को गिराने या उसकी मरम्मत करने के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 288 का विवरण
  2. धारा 288 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 288 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 288 के अनुसार जो कोई किसी निर्माण को गिराने या उसकी मरम्मत करने में उस निर्माण की ऐसी व्यवस्था करने का, जो उस निर्माण के या उसके किसी भाग के गिरने से मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा, वह दोनों में से किसी भांति से कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

Offence : एक व्यक्ति किसी भी इमारत के पतन से मानव जीवन के लिए संभावित खतरे से रक्षा करने के लिए लोप जिस पर वह एक उसे इसे नीचे खींचने या इसे मरम्मत करने के लिए हकदार अधिकार है


Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 288 को बीएनएस धारा 290 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 288 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 288 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 288 अपराध : एक व्यक्ति किसी भी इमारत के पतन से मानव जीवन के लिए संभावित खतरे से रक्षा करने के लिए लोप जिस पर वह एक उसे इसे नीचे खींचने या इसे मरम्मत करने के लिए हकदार अधिकार है



आई. पी. सी. की धारा 288 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 288 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 288 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 288 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 288 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 288 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 288 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 288 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 288 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।