धारा 287 आईपीसी - IPC 287 in Hindi - सजा और जमानत - मशीनरी के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 287 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 287 के अनुसार जो कोई किसी मशीनरी से, कोई कार्य ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से करेगा, जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो जाए या जिससे किसी अन्य व्यक्ति को उपहति या क्षति कारित होना सम्भाव्य हो,अथवा अपने कब्जे में की या अपनी देखरेख के अधीन की किसी मशीनरी की ऐसी व्यवस्था करने का जो, ऐसी मशीनरी से मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा,
वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
तो किसी भी मशीनरी से निपटने | 6 महीने या जुर्माना या दोनों | गैर - संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : तो किसी भी मशीनरी से निपटने
Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों
Cognizance : गैर - संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 287 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 287 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 287 अपराध : तो किसी भी मशीनरी से निपटने
आई. पी. सी. की धारा 287 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 287 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 287 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 287 गैर - संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 287 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
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आई. पी. सी. की धारा 287 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 287 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 287 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 287 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।