धारा 275 आईपीसी - IPC 275 in Hindi - सजा और जमानत - अपमिश्रित ओषधियों का विक्रय

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 275 का विवरण
  2. धारा 275 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 275 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 275 के अनुसार जो कोई यह जानते हुए कि किसी ओषधी या भेषजीय निर्मिति में इस प्रकार से अपमिश्रण किया गया है कि उसकी प्रभावकारिता कम हो गई या उसकी व्रिEया बदल गई है, या वह अपायकर बन गई है, उसे बेचेगा या बेचने की प्रस्थापना करेगा या बेचने के लिए अभिदर्शित करेगा, या किसी ओषधालय से ओषधीय प्रयोजनों के लिए उसे अनपोमिश्रित के तौर पर देगा या उसका अपमिश्रित होना न जानने वाले व्यक्ति द्वारा औषधीय प्रयोजनों के लिए उसका उपयोग कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

Offence : बिक्री के लिए पेशकश या एक औषधालय से जारी किसी भी दवा या चिकित्सा तैयारी के लिए मिलावटी किया गया है जाना जाता है


Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 275 को बीएनएस धारा 277 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 275 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 275 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 275 अपराध : बिक्री के लिए पेशकश या एक औषधालय से जारी किसी भी दवा या चिकित्सा तैयारी के लिए मिलावटी किया गया है जाना जाता है



आई. पी. सी. की धारा 275 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 275 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 275 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 275 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 275 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 275 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 275 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 275 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 275 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 275 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।