धारा 263 आईपीसी - IPC 263 in Hindi - सजा और जमानत - स्टाम्प के उपयोग किए जा चुकने के द्योतक चिन्ह का छीलकर मिटाना
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 263 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 263 के अनुसार जो कोई कपटपूर्वक, या इस आशय से कि सरकार को हानि कारित की जाए, सरकार द्वारा राजस्व के प्रयोजन के लिए प्रचालित स्टाम्प पर से उस चिन्ह को छीलकर मिटाएगा या हटाएगा, जो ऐसे स्टाम्प पर यह द्योतन करने के प्रयोजन से कि वह उपयोग में लाया जा चुका है, लगा हुआ या छापित हो या ऐसे किसी स्टाम्प को, जिस पर से ऐसा चिन्ह मिटाया या हटाया गया हो, जानते हुए अपने कब्जे में रखेगा या बेचेगा या व्ययनित करेगा, या ऐसे किसी स्टाम्प को, जो वह जानता है कि उपयोग में लाया जा चुका है, बेचेगा या व्ययनीत करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
मार्क का विलोपन यह निरूपित करता है कि टिकटों का उपयोग किया गया है | 3 साल या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
Offence : मार्क का विलोपन यह निरूपित करता है कि टिकटों का उपयोग किया गया है
Punishment : 3 साल या जुर्माना या दोनों
Cognizance : संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
IPC धारा 263 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 263 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 263 अपराध : मार्क का विलोपन यह निरूपित करता है कि टिकटों का उपयोग किया गया है
आई. पी. सी. की धारा 263 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 263 के मामले में 3 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 263 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 263 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 263 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 263 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 263 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 263 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 263 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 263 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।