धारा 255 आईपीसी - IPC 255 in Hindi - सजा और जमानत - सरकारी स्टाम्प का कूटकरण
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 255 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 255 के अनुसार जो कोई सरकार द्वारा राजस्व के प्रयोजन के लिए प्रचालित किसी स्टाम्प का कूटकरण करेगा या जानते हुए उसके कूटकरण की प्रव्रिEया के किसी भाग को करेगा, वह 1[आजीवन कारावास] से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।स्पष्टीकरण--वह व्यक्ति इस अपराध को करता है, जो एक अभिधान के किसी असली स्टाम्प को भिन्न अभिधान के असली स्टाम्प के समान दिखाई देने वाला बना कर कूटकरण करता है ।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
सरकारी मोहर की जालसाजी | आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना | संज्ञेय | गैर जमानतीय | सत्र न्यायालय |
Offence : सरकारी मोहर की जालसाजी
Punishment : आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना
Cognizance : संज्ञेय
Bail : गैर जमानतीय
Triable : सत्र न्यायालय
IPC धारा 255 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 255 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 255 अपराध : सरकारी मोहर की जालसाजी
आई. पी. सी. की धारा 255 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 255 के मामले में आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 255 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 255 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 255 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 255 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 255 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 255 गैर जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 255 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 255 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।