धारा 248 आईपीसी - IPC 248 in Hindi - सजा और जमानत - इस आशय से किसी सिक्के का रूप परिवर्तित करना कि वह भिन्न प्रकार के सिक्के के रूप में चल जाए
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 248 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 248 के अनुसार जो कोई किसी सिक्के पर इस आशय से कि वह सिक्का भिन्न प्रकार के सिक्के के रूप में चल जाए, कोई ऐसी व्रिEया करेगा, जिससे उस सिक्के का रूप परिवर्तित हो जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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किसी भी सिक्के की उपस्थिति को बदलने के इरादे से यह कि यह एक अलग विवरण के सिक्के के रूप में पारित होगा | 3 साल + जुर्माना | संज्ञेय | गैर जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
Offence : किसी भी सिक्के की उपस्थिति को बदलने के इरादे से यह कि यह एक अलग विवरण के सिक्के के रूप में पारित होगा
Punishment : 3 साल + जुर्माना
Cognizance : संज्ञेय
Bail : गैर जमानतीय
Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
IPC धारा 248 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 248 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 248 अपराध : किसी भी सिक्के की उपस्थिति को बदलने के इरादे से यह कि यह एक अलग विवरण के सिक्के के रूप में पारित होगा
आई. पी. सी. की धारा 248 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 248 के मामले में 3 साल + जुर्माना का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 248 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 248 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 248 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 248 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 248 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 248 गैर जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 248 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 248 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।