धारा 241 आईपीसी - IPC 241 in Hindi - सजा और जमानत - किसी सिक्के का असली सिक्के के रूप में परिदान, जिसका परिदान करने वाला उस समय जब वह उसके कब्जे में पहली बार आया था, कूटकॄत होना नहीं जानता था
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 241 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 241 के अनुसार जो कोई किसी दूसरे व्यक्ति को कोई ऐसा कूटकॄत सिक्का, जिसका कूटकॄत होना वह जानता हो, किन्तु जिसका वह उस समय, जब उसने उसे अपने कब्जे में लिया, कूटकॄत होना नहीं जानता था, असली सिक्के के रूप में परिदान करेगा, या किसी दूसरे व्यक्ति को उसे असली सिक्के के रूप में लेने के लिए उत्प्रेरित करने का प्रयत्न1 1955 के अधिनियम सं0 26 की धारा 117 और अनुसूची द्वारा (1-1-1956 से) आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
2 ब्रिटिश भारत शब्द अनुक्रमशः भारतीय स्वतंत्रता (केन्द्रीय अधिनियम तथा अध्यादेश अनुकूलन) आदेश, 1948, विधि अनुकूलन आदेश, 1950 और 1951 के अधिनियम सं0 3 को धारा 3 और अनुसूची द्वारा प्रतिस्थापित किए गए हैं ।
3 विधि अनुकूलन आदेश, 1950 द्वारा क्वीन के सिक्के के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
4 1955 के अधिनियम सं0 26 की धारा 117 और अनुसूची द्वारा (1-1-1956 से) आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 48
करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या इतने जुर्माने से, जो कूटकॄत सिक्के के मूल्य के दस गुने तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
दृष्टांत
क, एक सिक्काकार, अपने सह-अपराधी ख को कूटकॄत कम्पनी का रुपए चलाने के लिए परिदत्त करता है, ख उन रुपयों को सिक्का चलाने वाले एक दूसरे व्यक्ति ग को बेच देता है, जो उन्हें कूटकॄत जानते हुए खरीदता है । ग उन रुपयों को घ को, जो उनको कूटकॄत न जानते हुए प्राप्त करता है, माल के बदले दे देता है । घ को रुपया प्राप्त होने के पश्चात्् यह पता चलता है कि वे रुपए कूटकॄत हैं, और वह उनको इस प्रकार चलाता है, मानो वे असली हों । यहां, घ केवल इस धारा के अधीन दंडनीय है, किन्तु ख और ग, यथास्थिति, धारा 239 या 240 के अधीन दंडनीय हैं ।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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जानबूझकर असली है, जो, जब पहली बार पास के रूप में एक और किसी भी नकली सिक्का देने, उद्धारकर्ता नकली होना पता नहीं था | 2 साल या जुर्माना या सिक्का या दोनों के 10 एक्स मूल्य | संज्ञेय | गैर जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
Offence : जानबूझकर असली है, जो, जब पहली बार पास के रूप में एक और किसी भी नकली सिक्का देने, उद्धारकर्ता नकली होना पता नहीं था
Punishment : 2 साल या जुर्माना या सिक्का या दोनों के 10 एक्स मूल्य
Cognizance : संज्ञेय
Bail : गैर जमानतीय
Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
IPC धारा 241 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 241 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 241 अपराध : जानबूझकर असली है, जो, जब पहली बार पास के रूप में एक और किसी भी नकली सिक्का देने, उद्धारकर्ता नकली होना पता नहीं था
आई. पी. सी. की धारा 241 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 241 के मामले में 2 साल या जुर्माना या सिक्का या दोनों के 10 एक्स मूल्य का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 241 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 241 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 241 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 241 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 241 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 241 गैर जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 241 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 241 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।