धारा 232 आईपीसी - IPC 232 in Hindi - सजा और जमानत - भारतीय सिक्के का कूटकरण

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 232 का विवरण
  2. धारा 232 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 232 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 232 के अनुसार जो कोई 5[भारतीय सिक्के] का कूटकरण करेगा या जानते हुए भारतीय सिक्के के कूटकरण की प्रव्रिEया के किसी भाग को करेगा, वह 1[आजीवन कारावास] से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

Offence : जालसाजी, या जालसाजी सिक्के की प्रक्रिया के किसी भी भाग का प्रदर्शन


Punishment : आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय



आईपीसी धारा 232 को बीएनएस धारा 178 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 232 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 232 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 232 अपराध : जालसाजी, या जालसाजी सिक्के की प्रक्रिया के किसी भी भाग का प्रदर्शन



आई. पी. सी. की धारा 232 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 232 के मामले में आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 232 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 232 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 232 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 232 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 232 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 232 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 232 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 232 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।