धारा 230 आईपीसी - IPC 230 in Hindi - सजा और जमानत - सिक्का की परिभाषा
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
विषयसूची
धारा 230 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 230 के अनुसार सिक्का, तत्समय धन के रूप में उपयोग में लाई जा रही और इस प्रकार उपयोग में लाए जाने के लिए किसी राज्य या संपूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न शक्ति के प्राधिकार द्वारा, स्टाम्पित और प्रचालित धातु है ।]भारतीय सिक्का--2[भारतीय सिक्का धन के रूप में उपयोग में लाए जाने के लिए भारत सरकार के प्राधिकार द्वारा स्टाम्पित और प्रचालित धातु है ; और इस प्रकार स्टाम्पित और प्रचालित धातु इस अध्याय के प्रयोजनों के लिए भारतीय सिक्का बनी रहेगी, यद्यपि धन के रूप में उसका उपयोग में लाया जाना बन्द हो गया हो ।]
दृष्टांत
(क) कौड़ियां सिक्के नहीं हैं ।
(ख) अस्टाम्पित तांबे के टुकड़े, यद्यपि धन के रूप में उपयोग में लाए जाते हैं, सिक्के नहीं हैं ।
(ग) पदक सिक्के नहीं हैं, क्योंकि वे धन के रूप में उपयोग में लाए जाने के लिए आशयित नहीं हैं ।
(घ) जिस सिक्के का नाम कम्पनी रुपया है, वह 3[भारतीय सिक्का] है ।
4[(ङ) फरूखाबाद रुपया, जो धन के रूप में भारत सरकार के प्राधिकार के अधीन पहले कभी उपयोग में लाया जाता था, 5[भारतीय सिक्का] है, यद्यपि वह अब इस प्रकार उपयोग में नहीं लाया जाता है ।
आईपीसी धारा 230 को बीएनएस धारा 178 में बदल दिया गया है।
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