धारा 229 आईपीसी - IPC 229 in Hindi - सजा और जमानत - जूरी सदस्य या आंकलन कर्ता का प्रतिरूपण।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 229 का विवरण
  2. धारा 229 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 229 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 229 के अनुसार जो कोई किसी मामले में प्रतिरूपण द्वारा या अन्यथा, अपने को यह जानते हुए जूरी सदस्य या आंकलन कर्ता के रूप में तालिकांकित, सूचीबद्ध या गॄहीतशपथ साशय कराएगा या होने देना जानते हुए सहन करेगा कि वह इस प्रकार तालिकांकित, सूचीबद्ध या गॄहीतशपथ होने का विधि द्वारा हकदार नहीं है या यह जानते हुए कि वह इस प्रकार तालिकांकित, सूचीबद्ध या गॄहीतशपथ विधि के प्रतिकूल हुआ है ऐसे जूरी में या ऐसे आंकलन कर्ता के रूप में स्वेच्छा पूर्वक सेवा करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
जूरी सदस्य या आंकलन कर्ता का प्रतिरूपण।
सजा - दो वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : एक जूरी या निर्धारक का व्यक्तित्व


Punishment : 2 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 229 को बीएनएस धारा 268 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 229 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 229 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 229 अपराध : एक जूरी या निर्धारक का व्यक्तित्व



आई. पी. सी. की धारा 229 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 229 के मामले में 2 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 229 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 229 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 229 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 229 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 229 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 229 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 229 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।