धारा 214 आईपीसी - IPC 214 in Hindi - सजा और जमानत - अपराधी के प्रतिच्छादन के प्रतिफलस्वरूप उपहार की प्रस्थापना या संपत्ति का प्रत्यावर्तन

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 214 का विवरण
  2. धारा 214 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 214 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 214 के अनुसार जो कोई किसी व्यक्ति को कोई अपराध उस व्यक्ति द्वारा छिपाए जाने के लिए या उस व्यक्ति द्वारा किसी व्यक्ति को किसी अपराध के लिए वैध दंड से प्रतिच्छादित किए जाने के लिए या उस व्यक्ति द्वारा किसी व्यक्ति को वैध दंड दिलाने के प्रयोजन से उसके विरुद्ध की जाने वाली
1 1955 के अधिनियम सं. 26 की धारा 117 और अनुसूची द्वारा (1-1-1956 से) आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
2 1894 के अधिनियम सं0 3 की धारा 7 द्वारा अंतःस्थापित ।
3 1951 के अधिनियम सं0 3 की धारा 3 और अनुसूची द्वारा राज्यों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
4 1955 के अधिनियम सं0 26 की धारा 117 और अनुसूची द्वारा आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 42
कार्यवाही न की जाने के लिए प्रतिफलस्वरूप कोई परितोषण देगा या दिलाएगा या देने या दिलाने की प्रस्थापना या करार करेगा, या 1[कोई संपत्ति प्रत्यावर्तित करेगा या कराएगा] ;
यदि अपराध मॄत्यु से दंडनीय हो-- यदि वह अपराध मॄत्यु से दंडनीय हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ;
यदि आजीवन कारावास या कारावास से दंडनीय हो--तथा यदि वह अपराध 2[आजीवन कारावास] से या दस वर्ष तक के कारावास से दंडनीय हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ;
तथा यदि वह अपराध दस वर्ष से कम तक के कारावास से दंडनीय हो, तो वह उस अपराध के लिए उपबंधित भांति के कारावास से इतनी अवधि के लिए, जो उस अपराध के लिए उपबंधित कारावास की दीर्घतम अवधि की एक चौथाई तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
3[अपवाद--धारा 213 और 214 के उपबंधों का विस्तार किसी ऐसे मामले पर नहीं है, जिसमें कि अपराध का शमन विधिपूर्वक किया जा सकता है ।]
4। । । । । । ।

Offence : उपहार या स्क्रीनिंग अपराधी के विचार में संपत्ति की बहाली की पेशकश, अगर अपराध पूंजी हो


Punishment : 7 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानती


Triable : मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी



Offence : यदि आजीवन कारावास या 10 साल के लिए कारावास के साथ दंडनीय


Punishment : 3 साल + जुर्माना


Cognizance : असंज्ञेय


Bail : जमानती


Triable : मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी



Offence : यदि 10 साल से कम के लिए कारावास के साथ दंडनीय


Punishment : अपराध या जुर्माना या दोनों का एक चौथाई


Cognizance : असंज्ञेय


Bail : जमानती


Triable : मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी



आईपीसी धारा 214 को बीएनएस धारा 251 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 214 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 214 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 214 अपराध : उपहार या स्क्रीनिंग अपराधी के विचार में संपत्ति की बहाली की पेशकश, अगर अपराध पूंजी हो



आई. पी. सी. की धारा 214 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 214 के मामले में 7 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 214 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 214 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 214 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 214 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 214 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 214 जमानती है।



आई. पी. सी. की धारा 214 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 214 के मामले को कोर्ट मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी में पेश किया जा सकता है।