धारा 21 आईपीसी - IPC 21 in Hindi - सजा और जमानत - लोक सेवक
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
विषयसूची
धारा 21 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 21 के अनुसार लोक सेवक शब्द ऐसे व्यक्ति को दर्शाता है जो एतस्मिन् पश्चात् निम्नलिखित वर्णनों में से किसी में आता है, अर्थात्: -- भारत की सेना, नौ सेना या वायु सेना का हर आयुक्त अधिकारी;
- हर न्यायाधीश जिसके अन्तर्गत ऐसे कोई भी व्यक्ति आता है जो किन्हीं अधिनिर्णयिक कॄत्यों का चाहे स्वयं या व्यक्तियों के किसी निकाय के सदस्य के रूप में निर्वहन करने के लिए विधि द्वारा सशक्त किया गया हो;
- न्यायालय का हर अधिकारी (जिसके अन्तर्गत समापक, रिसीवर या कमिश्नर आता है) जिसका ऐसे अधिकारी के नाते यह कर्तव्य हो कि वह विधि या तथ्य के किसी मामले में अन्वेषण या रिपोर्ट करे, या कोई दस्तावेज बनाए या अधिप्रमाणीकॄत करे;
- किसी न्यायालय या लोक सेवक की सहायता करने वाला हर जूरी-सदस्य, आंकलन करने वाला या पंचायत का सदस्य;
- हर मध्यस्थ या अन्य व्यक्ति, जिसे किसी न्यायालय द्वारा, या किसी अन्य सक्षम लोक प्राधिकारी द्वारा, कोई मामला या विषय, निर्णय या रिपोर्ट के लिए निर्देशित किया गया हो;
- हर व्यक्ति जो किसी ऐसे पद को धारण करता हो, जिसके आधार पर वह किसी व्यक्ति को कारावास में करने या रखने के लिए सशक्त हो;
- सरकार का हर अधिकारी जिसका ऐसे अधिकारी के नाते यह कर्तव्य हो कि वह अपराधों का निवारण करे, अपराधों की सूचना दे, अपराधियों को न्याय के लिए उपस्थित करे, या जनता के स्वास्थ्य, सुरक्षा या सुविधा की संरक्षा करे;
- हर अधिकारी जिसका ऐसे अधिकारी के नाते यह कर्तव्य हो कि वह सरकार की ओर से किसी सम्पत्ति को ग्रहण करे, प्राप्त करे, रखे, व्यय करे, या सरकार की ओर से कोई सर्वेक्षण, मूल्यांकन या अनुबंध करे, या किसी राजस्व आदेशिका का निष्पादन करे, या सरकार के धन-संबंधी हितों पर प्रभाव डालने वाले किसी मामले में अन्वेषण या रिपोर्ट करे या सरकार के धन संबंधी हितों से संबंधित किसी दस्तावेज को बनाए, अधिप्रमाणीकॄत करे या रखे, या सरकार धन-संबंधी हितों की संरक्षा के लिए किसी विधि के अतिक्रमण को रोके;
- हर अधिकारी, जिसका ऐसे अधिकारी के नाते यह कर्तव्य हो कि वह किसी ग्राम, नगर या जिले के किसी धर्मनिरपेक्ष सामान्य प्रयोजन के लिए किसी सम्पत्ति को ग्रहण करे, प्राप्त करे, रखे या व्यय करे, कोई सर्वेक्षण या मूल्यांकन करे, या कोई आरोपित राशि या कर उद्गॄहीत करे, या किसी ग्राम, नगर या जिले के लोगों के अधिकारों के सुनिश्चित करने के लिए कोई दस्तावेज बनाए, अधिप्रमाणीकॄत करे या रखे;
- हर व्यक्ति जो कोई ऐसा पद धारण किए हो जिसके आधार पर वह निर्वाचक नामावली तैयार करने, प्रकाशित करने, बनाए रखने, या पुनरीक्षित करने के लिए या निर्वाचन या निर्वाचन के किसी भाग को संचालित करने के लिए सशक्त हो;
- हर व्यक्ति, जो-
ख. स्थानीय प्राधिकारी की, अथवा केन्द्र, प्रान्त या राज्य के अधिनियम के द्वारा या अधीन स्थापित निगम की अथवा कम्पनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) की धारा 617 में यथा परिभाषित सरकारी कम्पनी की, सेवा या वेतन में हो।
आईपीसी धारा 21 को बीएनएस धारा 2 में बदल दिया गया है।
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