धारा 205 आईपीसी - IPC 205 in Hindi - सजा और जमानत - वाद या अभियोजन में किसी कार्य या कार्यवाही के प्रयोजन से मिथ्या प्रतिरूपण
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 205 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 205 के अनुसार जो कोई किसी दूसरे का मिथ्या प्रतिरूपण करेगा और ऐसे धरे हुए रूप में किसी वाद या आपराधिक अभियोजन में कोई स्वीकॄति या कथन करेगा, या दावे की1 1894 के अधिनियम सं. 3 की धारा 6 द्वारा अंतःस्थापित ।
2 1951 के अधिनियम सं0 3 की धारा 3 और अनुसूची द्वारा राज्यों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
3 2000 के अधिनियम सं. 21 की धारा 91 और पहली अनुसूची द्वारा (17-10-2000 से) दस्तावेज के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 40
संस्वीकॄति करेगा, या कोई आदेशिका निकलवाएगा या जमानतदार या प्रतिभू बनेगा, या कोई भी अन्य कार्य करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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किसी अधिनियम या मुकदमे या आपराधिक मुकदमे में या जमानत या सुरक्षा बनने के उद्देश्य से नकली व्यक्ति | 3 साल या जुर्माना या दोनों | गैर - संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
Offence : किसी अधिनियम या मुकदमे या आपराधिक मुकदमे में या जमानत या सुरक्षा बनने के उद्देश्य से नकली व्यक्ति
Punishment : 3 साल या जुर्माना या दोनों
Cognizance : गैर - संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
IPC धारा 205 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 205 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 205 अपराध : किसी अधिनियम या मुकदमे या आपराधिक मुकदमे में या जमानत या सुरक्षा बनने के उद्देश्य से नकली व्यक्ति
आई. पी. सी. की धारा 205 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 205 के मामले में 3 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 205 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 205 गैर - संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 205 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 205 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 205 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 205 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 205 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 205 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।