धारा 183 आईपीसी - IPC 183 in Hindi - सजा और जमानत - लोक सेवक के विधिपूर्ण प्राधिकार द्वारा संपत्ति लिए जाने का प्रतिरोध
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 183 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 183 के अनुसार जो कोई किसी लोक सेवक के विधिपूर्ण प्राधिकार द्वारा किसी संपत्ति के ले लिए जाने का प्रतिरोध यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए करेगा कि वह ऐसा लोक सेवक है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
एक लोक सेवक के वैध प्राधिकारी द्वारा संपत्ति लेने का विरोध | 6 महीने या जुर्माना या दोनों | गैर - संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : एक लोक सेवक के वैध प्राधिकारी द्वारा संपत्ति लेने का विरोध
Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों
Cognizance : गैर - संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 183 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 183 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 183 अपराध : एक लोक सेवक के वैध प्राधिकारी द्वारा संपत्ति लेने का विरोध
आई. पी. सी. की धारा 183 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 183 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 183 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 183 गैर - संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 183 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 183 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 183 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 183 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 183 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 183 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।