धारा 170 आईपीसी - IPC 170 in Hindi - सजा और जमानत - लोक सेवक का प्रतिरूपण।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 170 का विवरण
  2. धारा 170 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 170 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 170 के अनुसार जो भी कोई किसी विशिष्ट पद को लोक सेवक के नाते धारण करने का अपदेश यह जानते हुए करेगा कि वह ऐसा पद धारण नहीं करता है या ऐसा पद धारण करने वाले किसी अन्य व्यक्ति का कूट-प्रतिरूपण करेगा और ऐसे बनावटी रूप में ऐसे पदाभास से कोई कार्य करेगा या करने का प्रयत्न करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
लोक सेवक का प्रतिरूपण।
सजा - दो वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : एक लोक सेवक का निजीकरण


Punishment : 2 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 170 को बीएनएस धारा 204 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 170 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 170 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 170 अपराध : एक लोक सेवक का निजीकरण



आई. पी. सी. की धारा 170 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 170 के मामले में 2 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 170 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 170 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 170 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 170 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 170 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 170 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 170 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।