धारा 168 आईपीसी - IPC 168 in Hindi - सजा और जमानत - लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रूप से व्यापार में लगता है
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 168 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 168 के अनुसार जो कोई लोक सेवक होते हुए और ऐसे लोक सेवक के नाते इस बात के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए कि वह व्यापार में न लगे, व्यापार में लगेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।1 2000 के अधिनियम सं0 21 की धारा 91 और पहली अनुसूची द्वारा (17-10-2000 से) कतिपय शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 31
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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लोक सेवक अवैध रूप से व्यापार में संलग्न है | 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों के लिए साधारण कारावास | गैर - संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
Offence : लोक सेवक अवैध रूप से व्यापार में संलग्न है
Punishment : 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों के लिए साधारण कारावास
Cognizance : गैर - संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
IPC धारा 168 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 168 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 168 अपराध : लोक सेवक अवैध रूप से व्यापार में संलग्न है
आई. पी. सी. की धारा 168 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 168 के मामले में 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों के लिए साधारण कारावास का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 168 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 168 गैर - संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 168 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
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आई. पी. सी. की धारा 168 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 168 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 168 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 168 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।