धारा 167 आईपीसी - IPC 167 in Hindi - सजा और जमानत - लोक सेवक, जो क्षति कारित करने के आशय से अशुद्ध दस्तावेज रचता है।

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 167 का विवरण
  2. धारा 167 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 167 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 167 के अनुसार जो कोई लोक सेवक होते हुए और ऐसे लोक सेवक के नाते किसी दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख की रचना या अनुवाद करने का भार-वहन करते हुए उस दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख की रचना, तैयार या अनुवाद ऐसे प्रकार से जिसे वह जानता हो या विश्वास करता हो कि त्रुटिपूर्ण है, इस आशय से या सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि तद्द्वारा वह किसी व्यक्ति को क्षति कारित करे, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
लोक सेवक द्वारा क्षति कारित करने के आशय से त्रुटिपूर्ण दस्तावेज रचना।
सजा - 3 वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : लोक सेवक ने चोट का कारण बनने के इरादे से एक गलत दस्तावेज तैयार किया


Punishment : 3 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 167 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 167 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 167 अपराध : लोक सेवक ने चोट का कारण बनने के इरादे से एक गलत दस्तावेज तैयार किया



आई. पी. सी. की धारा 167 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 167 के मामले में 3 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 167 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 167 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 167 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 167 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 167 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 167 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 167 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।