धारा 123 आईपीसी - IPC 123 in Hindi - सजा और जमानत - युद्ध करने की परिकल्पना को सुगम बनाने के आशय से छिपाना।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 123 का विवरण
  2. धारा 123 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 123 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 123 के अनुसार जो कोई भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करने की परिकल्पना के अस्तित्वों को, जो ऐसे युद्ध करने को सुगम बनाने के आशय से इस प्रकार छिपाए, या यह सम्भाव्य जानते हुए कि इस प्रकार छिपाकर ऐसे युद्ध करने को सुगम बनाए, किसी कार्य, या किसी अवैध लोप द्वारा छिपाएगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

लागू अपराध
युद्ध करने की परिकल्पना को सुगम बनाने के आशय से छिपाना।
सजा - दस वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : युद्ध छेड़ने के लिए एक डिजाइन की सुविधा के इरादे के साथ


Punishment : 10 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय



आईपीसी धारा 123 को बीएनएस धारा 150 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 123 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 123 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 123 अपराध : युद्ध छेड़ने के लिए एक डिजाइन की सुविधा के इरादे के साथ



आई. पी. सी. की धारा 123 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 123 के मामले में 10 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 123 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 123 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 123 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 123 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 123 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 123 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 123 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।